Thursday, September 19, 2024

इलाहाबाद : ‘कोरोना काल में ली गई स्कूल फीस माफ़ की जाए…’ HC का बड़ा फैसला

इलाहाबाद : कोरोना काल में भी प्राइवेट स्कूलों ने जमकर फीस फसूली थी. इस फीस वसूली को लेकर कई परिवारों ने नाराज़गी जताई थी और मामला कोर्ट आ पहुंचा. बता दें, कोरोना काल के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इस लिए ऑनलाइन क्लासेस चलाई गईं. लेकिन इस दौरान ट्यूशन फीस के साथ-साथ सभी सुविधाओं की फीस वसूल की गई थी. अब इस मामले को लेकर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सूना दिया है.

अभिभावकों के पक्ष में फैसला

अभिभावकों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है.अब इन स्कूलों को फीस वापस करने का आदेश दिया गया है. हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है कि साल 2020-21 में जिन भी स्कूलों ने फीस ली थी उस कुल फीस पर 15% माफ किया जायेगा. इतना ही नहीं जो बच्चे स्कूल छोड़ गए हैं. उन्हें भी पूरी 15 फीसद फीस बढ़ाकर वापिस की जाएगी. यह फैसला मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और जे जे मुनीर ने सुनाया है.

बताया मुनाफाखोरी

याचिकाकर्ता अभिभावकों की ओर से अदालत में अपना पक्ष रखते हुए जोर दिया गया था कि प्राइवेट स्कूलों ने कोरोना काल के दौरान यानि साल 2020-21 में ऑनलाइन ट्यूशन के अलावा किसी भी प्रकार की सेवा नहीं दी. ऐसे में ट्यूशन फीस से एक रुपया ज़्यादा लेना मुनाफाखोरी और शिक्षा के व्यवसायीकरण के अलावा कुछ भी नहीं है. इन्हीं तर्कों के समर्थन में सर्वोच्च न्यायालय के इंडियन स्कूल, जोधपुर बनाम स्टेट ऑफ़ राजस्थान के हाल ही में दिए हुए फैसले का भी हवाला दिया गया था. इस फैसला में कहा गया है कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा बिना कोई सेवा दिए फीस की मांग करना, मुनाफाखोरी व शिक्षा का व्यवसायीकरण कहलाती है.

दिया 2 महीने का समय

अब इस आदेश के अनुसार सभी स्कूलों को साल 2020-21 में ली गई कुल फीस में 15% जोड़कर परिवारों के आगे के सेशन में एडजस्ट करना होगा. इसके अलावा जिन बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है स्कूलों को उन्हें साल 2020-21 में वसूले गए शुल्क का 15% मूल्य लौटाना होगा. इस पूरी प्रक्रिया को करने के लिए सभी सकूलों को 2 महीने का समय दिया गया है. याचिकाओं की सुनवाई 06 जनवरी को हुई थी. इस सुनवाई के बाद फैसला आज(16 जनवरी) को आया है.

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