जयपुर : राजस्थान में नवंबर 2023 में विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव आते ही पार्टी अपने असंतुष्ट नेताओं को मनाने में लगी रहती है. लेकिन राजस्थान में इसका उल्टा हो रहा है सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच बयानी जंग छिड़ी हुई है.
भारत जोड़ो यात्रा में दूरियां हुई थी कम
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनानती थोड़ी कम हुई थी लेकिन दोनों के दिल नहीं मिल पाए. दोनों नेता गाहे-बगाहे एक दूसरे पर बयानबाजी करते रहते है. हाल ही में अशोक गहलोत ने इशारों में पायलट को ‘कोरोना’ कह दिया वहीं पायलट ने पलटवार करते हुए कहा कि’बिना हड्डी की जीभ को संतुलित रखना जरूरी है ‘. इससे साफ पता चल रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस में कुछ अच्छा चल नहीं रहा है पार्टी के भीतर स्थिति क्या है ये समझना मुश्किल है.
बयानबाजी से बीजेपी को हो सकता है फायदा ?
कांग्रेस में बयानबाजी से बीजेपी को फायदा मिल सकता है. इस बयानबाजी से बीजेपी को चुनाव में आसानी से वॉकवेर दे देगी. दिल्ली में कांग्रेस हेडक्वाटर में टेंशन बढ़ गई है. 2022 में कांग्रेस विधायकों में फूट पड़ गई थी जिसकी वजह से सरकार अल्पमत में आ गई थी. सीएम अशोक गहलोत को दिल्ली तक दौड़ लगाकर आला कमान को अपनी सफाई दी थी. अशोक गहलोत चुनाव में पूरी तरह से लग गए है. गहलोत ने जनता को लुभाने के लिए जनप्रिय चुनावी बजट तैयार किया है. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष को भी अपनी रैली में निशाने पर ले रहे है.
सीएम पद पर रस्साकशी जारी
राजस्थान में कांग्रेस ने पिछला चुनाव सचिन पायलट के नेतृत्व में जीता था. लेकिन सीएम की कुर्सी अशोक गहलोत को मिली थी. इसके बाद से दोनों नेताओं के बीच समय-समय पर बयानबाजी जारी है. सचिन पायलट ने अपने विधायकों के साथ 2020 में हरियाणा के रिजार्ट में रूके थे. सचिन पायलट ने बगावत कर दी थी. 24 विधायकों को लेकर हरियाणा में रूके थे. आलाकमान ने किसी तरीके से इस झगड़े को खत्म करवाया.