जयपुर: पुलवामा में शहीद हुए जवानों की वीरांगनाओं के साथ हो रहे अत्याचार को देखते हुए विधानसभा के सांसद सचिन पायलट ने कहा- मैं अब भी कह रहा हूं कि अगर कोई वीरांगना अपनी बात रखती है तो ये उनका संवैधानिक अधिकार है. उनके साथ पुलिस ने जो व्यवहार किया है उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। देश में ऐसा मैसेज नहीं जाना चाहिए।
वीरांगनाओं के समर्थन में उतरे पायलट
आपको बता दें कि राजधानी जयपुर में वीरांगनाओं को लेकर जिस तरह का माहौल देखने को मिल रहा है, उससे एक बार फिर सियासी पारा गर्म हो गया है. जहां बीजेपी, राज्य सरकार के विरोध में सड़क पर उतर गई है वहीं कांग्रेस सरकार में पूर्व उपमुख्यमंत्री और टोंक विधायक सचिन पायलट सरकार को घेरने का का काम कर रहे हैं. बता दें कि बिना नाम लिए सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने एक के बाद एक कई नसीहतें सरकार और प्रशासन को दी. सचिन पायलट ने कहा कि देश में जवानों के परिवार देश की संपत्ति हैं और इनकी सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी सरकार से लेकर हम सभी की है.
शुक्रवार को किया टोंक का दौरा
आपको बता दें कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और टोंक विधायक सचिन पायलट बीते शुक्रवार को दो दिवसीय टोंक विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे, जहां निवाई से लेकर टोंक शहर तक जगह-जगह उनका लोगों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया. वहीं छावनी चौराहे पर रेल लाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अकबर खान ने लाखों महिलाओं के साथ 51 किलो की माला से स्वागत किया जिसके बाद छावनी चौराहे पर नगर परिषद क्षेत्र के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया. सचिन पायलट ओवैसी पर तंज कसते हुए कहते हैं कि अभी चुनाव का माहौल है, कई नेता आएंगे और बड़ी-बड़ी बातें करेंगे। लेकिन आप सब समझदार हैं. उन्होंने कहा कि हम सबकों एकजुट होकर फिर से साल 2023 में जीत का परचम लहराना है.
किरोड़ी लाल मीणा के साथ हुई थी बदसलूकी
दरअसल राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ हुई बदसलूकी पर बोलते हुए सचिन पायलट ने कहा कि सबको धरना प्रदर्शन करने का संवैधानिक अधिकार है, धरना प्रदर्शन करना गुनाह नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में किसी भी तरह से जवानों को लेकर राजनीति नहीं होना चाहिए. देश के लिए शहादत देने वाले शहीदों की तुलना करना संभव नहीं है. उनके परिजन देश की संपत्ति हैं. उनको संभाल के रखना, मान-सम्मान देना हमारी जिम्मेदारी है.