Friday, November 8, 2024

राजस्थान: ‘राइट टू हेल्थ बिल’ के विरोध में डॉक्टर्स धरने पर, अस्पातल में मरीजों की लगी कतारें

जयपुर। प्रदेश में ‘राइट टू हेल्थ बिल’ का विरोध चल रहा. ऐसे में डॉक्टर्स ने मरीजों का इलाज करना बंद कर दिया है, जिस वजह से अस्पताल में मरीजों की कतारें लग गई हैं.

अस्पताल में लगी मरीजों की कतारें

आपको बता दें कि ‘राइट टू हेल्थ’ बिल का विरोध मुख्यमंत्री गहलोत के सत्ता में आने के बाद से हो रहा है. दरअसल 2019 चुनाव के दौरान गहलोत ने राइट टू हेल्थ बिल’ सत्ता में आने के बाद लागू कराने के बात की थी. गहलोत के चुनाव जीतने के बाद इसका विरोध शुरू तो हुआ था लेकिन अब इसपर एक्शन लेते हुए निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स ने सेवाएं देने से इंकार कर दिया है. जानकारी के मुताबिक बुधवार को आरएनटी के 500 रेजिमेंट्स हड़ताल पर रहें, उन्होंने मरीजों को सेवाएं देना बंद कर दिया, ऐसे में सीनियर फैकल्टीज को सेवाएं देनी पड़ी. वहीं रेजिमेंट्स की हड़ताल का असर भी साफ नजर आया. सुबह से दोपहर तक अस्पतालों में मरीजों की लम्बी कतारें नजर आईं.

व्यवस्थाएं रहीं प्रभावित

बता दें कि अस्पतालों में लंबी कतारों के बावजूद सिर्फ एमबी ओपीडी चिकित्सक मरीजों की जांच करता दिखाई दिया। खराब अर्रेंजमेंट्स के चलते तकरीबन 100 ऑपरेशन्स टाले गए. आइपीडी में रोज मरीज़ों को देखने वाले सिर्फ एक या दो डॉक्टर्स मौजूद थे. अधीक्षक डॉ आरएल सुमन के द्वारा बताया गया कि ओपीडी में डॉक्टर्स के ना होने से परेशानियां बढ़ी, वहीं एमरजेंसी में भी लंबी कतारें लगी रही.

राइट टू किल’ से किया संबोधित

प्रदेश के डॉक्टरों ने इस बिल को राइट टू किल नाम दिया है. दरअसल डॉक्टरों का कहना है कि इस बिल के आने के बाद वह मरीजों का फ्री में इलाज करने को मजबूर हो जाएंगे जिससे सभी डॉक्टर्स और हॉस्पिटल्स को भुगतान करना होगा. डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच लम्बे समय से बातचीत चल रही है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.

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