Saturday, November 23, 2024

राजस्थान : प्रदेश में पहले के मुकाबले बढ़ी मनेरगा दर, हरियाणा के बाद दूसरे स्थान पर….

जयपुर। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अनुसार मजदूरी दर बदलने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अब मजदूरी दर 7 रूपए से लेकर 26 रूपए तक बढ़ाई गई है.

राजस्थान में मनरेगा दर बढ़ा

आपको बता दें कि सरकार की ओर से मनरेगा मजदूरों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. जिससे मजदूरों मे खुशी का माहौल देखा जा रहा हैं. जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने साल 2023-24 के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अनुसार मजदूरी दर में इजाफा करने का ऐलान किया है. अब केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के तहत मजदूरी दर में वृद्धि के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन को मनरेगा एक्ट 2005 की धारा 6 (1)के तहत जारी किया गया है. मजदूरी दर में इजाफा 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा।

मजदूरी दर में हरियाणा के बाद राजस्थान

आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के बाद बाकि राज्यों की तुलना में हरियाणा में सबसे अधिक मजदूरी दर है. हरियाणा में एक दिन के वेतन में मजदूरों को 357 रूपए दिया जाएगा। अन्य राज्यों की बात करें तो झारखण्ड और बिहार में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत मजदूरी दर में बढ़ोतरी हुई है. आकड़ो के मुताबिक दोनों राज्यों में आय प्रतिदिन 228 रूपए हो गई है जबकि पहले प्रतिदिन मजदूरी आय 210 रूपए थी. दोनों राज्यों में इस साल मनरेगा आय में पहले की तुलना में 18 रूपए से इजाफा हुआ है. वहीं अगर छत्तीसगढ और मध्यप्रदेश में प्रति दिन कि आय 221 रूपय हो गई है। पिछले साल की तुलना में इस साल की आय में 17 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बता दें कि पिछले साल दोनों राज्यों में प्रतिदिन आय लगभग 204 रुपए था। गोवा, मेघालय, कर्नाटक समेत मणिपुर जैसे क्षेत्रों में मनरेगा प्रतिदिन आय सबसे कम है। बात करें राजस्थान की तो यहां पिछले वर्ष की तुलना में प्रतिदिन आय बढ़ी है। जो 231 रूपए से बढ़कर 255 रुपए प्रतिदिन हो गया है।

क्या हैं मनरेगा

आपको बता दें कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एक फ्लैगशिप प्रोग्राम है जिसका काम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की सुरक्षा को बढ़ाना है। मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे हर परिवार को 100 दिनों का रोजगार दिया जाता है। मनरेगा को सबसे पहले नरेगा यानी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी ऐक्ट के नाम से जाना जाता था जिसे बाद में मनरेगा नाम दिया दिया। नरेगा की स्थापना 7 सितंबर 2005 में हुई थी।

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