राजस्थान संजीवनी स्कैम: संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला में फंसे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी पर आज हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। बता दें की शेखावत ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की थी।
जोधपुर: राजस्थान के संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी घोटाला मामले में एक बड़ी खबर सामने आई है जहां केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मिली जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। दरअसल शेखावत ने संजीवनी घोटाले में राजस्थान एसओजी में दर्ज एफआईआर संख्या-32 के खिलाफ याचिका दाखिल की थी जिस पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि अब एसओजी और राजस्थान पुलिस संजीवनी मामले में दर्ज किसी मामले में केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। अब इस मामले पर सीएम गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब वह मुलजिम नहीं थे, तो फिर हाईकोर्ट जाने की जरूरत क्यों पड़ी।
आपको बता दें कि इससे पहले शेखावत को राजस्थान हाईकोर्ट से झटका लगा था जहां उनकी याचिका पर न्यायाधीश प्रवीर भटनागर ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। शेखावत ने याचिका दायर करते हुए कहा है कि सोसाइटी देश के विभिन्न राज्यों में चलती है, ऐसे में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए। वहीं गुरुवार को अब जस्टिस कुलदीप माथुर ने उन्हें राहत दी है।
शेखावत ने सीएम गहलोत के खिलाफ किया मानहानि का दावा
इससे पहले संजीवनी घोटाला में सीएम गहलोत और शेखावत के बीच जमकर जुबानी हमले हुए थे।वहीं गहलोत ने पिछले दिनों शेखावत की माँ, पत्नी और परिवार वालों को भी घोटाले में शामिल बताया था। जिसके बाद शेखावत ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस दिल्ली की कोर्ट में करवाया था। फ़िलहाल इस मामले पर अभी भी सुनवाई चल रही है।