जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के विवाद को सुलझाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को बनाया राजस्थान का मीडिएटर। कमलनाथ दोनों का विवाद सुलझाने जयपुर पहुंच गए हैं। मुलाकात का दौर जारी है।
राजस्थान की राजनीति में उथल-पुथल जारी
अब राजस्थान की राजनीति में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की इंट्री हो गई है, बता दें की राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के मसले में अब राहुल गांधी ने सीधे तौर पर दखल दिया है, जिसके बाद प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के तेवर बदले- बदले से नजर आ रहे हैं। तो वहीं कमलनाथ मीडिएटर बन कर मसला सुलझाने में जुटे हुए हैं।
जहां राजस्थान में भाजपा ने चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है, लेकिन कांग्रेस घर के झगड़े में ही उलझी हुई है। सचिन पायलट के अनशन से पार्टी में नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। हालांकि बार बार सचिन पायलट पर एक्शन की बात कहने वाले प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के तेवर जहां नरम पड़ गए हैं। वहीं कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के दखल के बाद इस मसले को तूल ना देकर ठंडे बस्ते में डालने के लिए कहा गया है।
वहीं सचिन पायलट और अशोक गहलोत के मसले को सुलझाने के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब मीडिएटर की भूमिका निभा रहे हैं। इस कड़ी में गुरुवार को सचिन पायलट की कमलनाथ के साथ एक लम्बी चर्चा चली। कहा जा रहा है कि पायलट ने कमलनाथ और किसी वेणुगोपाल के सामने खुल कर अपने मसले उठाए. साथ ही अपने प्रति पार्टी का रवैया बदलने की भी बात कही। इसके अलावा उन्होंने अनशन के मसले पर भी कहा कि ये पार्टी विरोधी नहीं बल्कि जनहित का मुद्दा था।
पायलट पर कार्यवाही के जल्दबाजी में नहीं कांग्रेस
वहीं चर्चा यह भी हैं कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट पर किसी भी तरह का कोई फैसला लेने में जल्दबाजी नहीं करना चाहता है। पायलट की भूमिका पर फैसला लेने से पहले उसके आगे-पीछे होने वाले फायदे और नुकसान को जान लेना चाहती है। लिहाजा ऐसे में आलाकमान चाहता है कि राजस्थान में चुनाव से पहले पायलट केंद्रीय संगठन में एक बड़ा पद लें जिससे प्रदेश में भी चुनावी माहौल बनाया जा सके और 2024 के चुनाव को लेकर भी भूमिका बनाकर चुनावी मैदान में उतरा जा सके।
पायलट पर रंधावा और केसी वेणुगोपाल टिप्पणी करने से किया गया मना
सचिन पायलट और उनके अनशन पर रंधावा और केसी वेणुगोपाल को मीडिया में किसी भी तरह की कोई भी टिप्पणी करने से मन किया गया है। दो दिन धुआंधार बैठकों के बाद अब यह मसला भी अन्य मसलों की तरह ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है, वहीं अब एक बार फिर सचिन पायलट प्रदेश के दौरे पर निकालेंगे। 17 अप्रैल को पायलट शाहपुरा और खेतड़ी का दौरा करेंगे और जनसभाओं को संबोधित करेंगे। हालांकि फिलहाल के लिए पायलट ने चुप्पी साध ली है।