जयपुर। प्रदेश में पंचायतों का काम रुक गया है. सरपंचों द्वारा तालाबंदी का आज दूसरा दिन है जिससे पंचायतों का काम-काज प्रभावित हो रहा है. जानकारी के मुताबिक इससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदेश में पंचायतों का काम हुआ ठप
राजस्थान में पंचायत ने सरकार से नाराजगी दिखते हुए काम-काज बंद कर दिया है. आज इसका दूसरा दिन है. पंचायत,बजट, खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने समेत कई मांगों को लेकर सरपंचों ने तालाबंदी की है. आपको बता दें कि पंचायतों ने सरकार से कुछ मांगे की हैं वो जबतक पूरा नहीं होता तब तक उनकी मांगे जारी रहेंगी।
क्या हैं मांगे
दरअसल राज्य वित्त आयोग के वर्ष 2022-23 के करीब 3000 करोड़ रूपए, केंद्रीय वित्त आयोग के करीब 1500 करोड़ रूपए बकाया चल रहे हैं. इस बकाया राशियों को जल्द से जल्द पंचायतों के खातों में रिलीज़ करने की मांग हो रही है. दूसरे प्रमुख मांग नेटवर्क की समस्या को लेकर है. प्रदेश के कई क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या होने के कारण मनरेगा में ऑनलाइन पोर्टल पर हाजिरी नहीं लग पाती है. यही कारण है कि ऑनलाइन हाजिरी को बंद कराने की मांग चल रही है. तो वहीं ग्राम पंचायतों की फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद ही बकाया राशि को जारी किया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार से उनकी मांग है कि 10 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ने के लिए आवेदन जारी किए जाए वहीं आवेदन लिए जाने के बाद तुरंत पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा जारी किया जाना चाहिए। उनकी चौथी मांग है कि प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना में पत्र नामांकित परिवारों को 2020-2021 के बाद राशि नहीं दी गई है ऐसे में राशि को जारी किया जाना चाहिए। वहीं वंचित रहे परिवारों को पोर्टल से जोड़ा जाना चाहिए।