Saturday, September 7, 2024

चम्बल की डकैत: यूपी की एक सुन्दर महिला शीला कैसी बनी डकैत, कहानी जानकर हैरान रह जाएंगे

Chambal: चंबल घाटी की महिला में सबसे सुंदर शीला को माना जाता है। कहते हैं कि इसकी सुंदरता के आगे बॉलीवुड की हिरोइनें फीकी थीं। शीला की सुंदरता ही इसकी बर्बादी का कारण रही।
वैसे तो राजस्थान के चम्बल में सैकड़ो डाकुओं ने राज किया। जिनमें डाकू मान सिंह हो या मोहर सिंह या अन्य डाकू सबने राज किया। साथ ही चंबल में महिला डाकुओं ने भी राज किया है जिनमे पुतलीबाई,फूलन देवी, सीमा परिहार, नीलम गुप्ता, सरला जाटव जैसी खूंखार दस्यु सुंदरियों ने डकैतों की गैंग में रह कर डाकुओं का साथ दिया। महिला डकैत भी पुरुष डकैतों से कहीं से कम नहीं रही हैं। महिला डाकुओं ने भी चम्बल की धरती को खून से लाल किया था।

कम उम्र में हो गयी थी शादी

यूपी के जालौन गांव जवासा में 1970 में जन्मी और पली-बली शीला के पिता माखन ने उसकी शादी मात्र 13 वर्ष की उम्र में पिपरी गांव के किसान लाखन के साथ कर दी थी। शीला अभी शादी के मायने ही नहीं समझती थी कि उस पर ससुराल का बोझ डाल दिया गया। शीला ने घर गृहस्थी की गाड़ी को चलाया और पारिवारिक जिम्मेदाइयों को ढंग से निभाते हुए गृहस्थी की गाड़ी को आगे बढ़ाया। सब कुछ सही चल रहा था। शीला बहुत सुन्दर थी, गांव के दबंग की नजर शीला पर पड़ गई।

दबंगों ने उठाया

गांव के ही प्रकाश नाम का दबंग ने शीला को जबरदस्ती उठा ले गया और पास के गांव के रुस्तम सिंह के हवाले कर दिया। रुस्तम सिंह ने शीला को अपने पास बंधक बनाकर रखा और उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। लगभग एक सप्ताह रुस्तम ने शीला को अपने यहां पर कैद रखा। एक सप्ताह बाद शीला को छोड़ दिया। दबंग मन चाहे जब शीला को उठाकर ले जाते और उसके साथ दुष्कर्म करते। इससे शीला की जिंदगी बद से बदतर हो गई थी। शीला का पति दबंगों का विरोध नहीं कर पाया और शीला के दो बच्चे भी हो गए।

हत्या और लूट की वारदातों को अंजाम देती रही शीला

जब शीला की सहनशक्ति जवाब दे गई तो वह अपने दोनों बच्चों को छोड़कर चम्बल के बीहड़ में चली गई। चम्बल के बीहड़ में शीला ने डकैत तिलक सिंह की गैंग में शामिल होकर डकैती के गुर सीखे और लगभग सात साल तक डकैतों की गैंग में रहकर लूट, हत्या, डकैती, अपहरण जैसी वारदातों को अंजाम देती रही। शीला ने मन बना लिया कि जिन लोगों ने उसकी जिंदगी बर्बाद की, उनसे बदला जरूर लेगी। शीला अपना बदला ले पाती, उससे पहले ही उसके गिरोह का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया, इसमें तिलक सिंह सहित गैंग के अन्य कई डकैत मारे गए।

डकैत शीला ने किया आत्मसमर्पण

साथी डकैतों के मारे जाने के बाद शीला ने अपनी जान बचाने के लिए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने के बाद शीला को ग्वालियर जेल में भेज दिया गया। जेल में सजा काटने के बाद शीला बाहर आ गई तो समाज में उसे मान सम्मान नहीं मिला। शीला ने अपनी नई जिंदगी शुरू करने की सोचकर कल्ली गुर्जर के साथ शादी कर ली, लेकिन लोग कहते हैं कि जब किस्मत साथ नहीं देती तो सब कुछ उल्टा ही होता है। कल्ली गुर्जर से शादी करने के बाद भी शीला की परेशानी कम नहीं हुई। कल्ली गुर्जर भी शीला को परेशान करने लगा।

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