जयपुर: नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे,जे आचरहिं ते नर न घनेरे’। यानी दूसरों को उपदेश देना आसान है लेकिन खुद उस पर अमल करना मुश्किल।
स्वयं का घर देखे मुख्यमंत्री
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री को दूसरों पर आरोप लगाने से पहले स्वयं की पार्टी के नेता सचिन पायलट, रामनारायण मीणा, भरत सिंह, दिव्या मदेरणा व वेदप्रकाश सोलंकी सहित अन्य सदस्यों द्वारा सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करनी चाहिए। राठौड़ ने कहा कि साथ ही मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गजेन्द्र सिंह शेखावत के इस्तीफे की मांग करने की बजाय पहले अपने मंत्रिमंडल के आधा दर्जन मंत्रियों पर खुद की पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा सार्वजनिक मंचों से लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर संज्ञान लेकर उन्हें बर्खास्त कर जनता के समक्ष नजीर पेश करनी चाहिए।
चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर
दरअसल केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर टिप्पणी की थी। जिस पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि मुझे रावण कहे कोई बात नहीं, मैं उनको राम कहूंगा। बस वो पीड़ितों की राशि लौटा दे। उन्होंने यह भी कहा कि नैतिक आधार पर अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। राजस्थान की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।