जयपुर। मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की आला अधिकारी मणिपुर में फंसे राजस्थान के छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं.
राजस्थान के छात्रों को दी सूचना
आपको बता दें कि मणिपुर में जाती विषय को लेकर हिंसा शुरू हुई थी जिसकी आग अब हिंसा कम हो गई है. अभी तक 54 से अधिक लोगों से अपनी जान वहां गवाई है. सूचना के मुताबिक अब वहां के कई क्षेत्रों में हालात कंट्रोल में है. वहीं मणिपुर में हिंसा के दौरान 13 हजार लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में भेजा गया है. इन सबके बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने शनिवार को कहा कि राज्य के आला अधिकारी राजस्थान के छात्रों को सुरक्षित निकलने के लिए मणिपुर के अधिकारियों से लगातार बातचीत कर रहे हैं.
ट्वीट के जरिए दी जानकारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 6 मई को ट्वीट करते हुए कहा कि मणिपुर हिंसा में राजस्थान के कुछ विद्यार्थिओं के फंसे होने का समाचार चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक वहां के उच्चधिकारियों के संपर्क में है. छात्रों को जल्दी सुरक्षित बाहर निकालकर सकुशल घर पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
क्या हैं मणिपुर हिंसा विवाद ?
भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में इन दिनों हिंसा की खबर सामने आ रही है. हिंसा में लोगों के घर को जलाया जा रहा है, तोड़फोट की जा रही है. खराब हालत को देखते हुए 8 जिलों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया. वहीं 5 दिन इंटरनेट सेवा बंद रही. ये बात 3 मई यानी बुधवार की है. चुराचांदपुर जिले के तोरबांग क्षेत्र में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर आदिवासी एकजुटता मार्च के वक्त यहां हिंसा बढ़क गई. 4 मई को हालत जब काबू के बाहर हो गए तो N बिरेन सिंह सरकार ने गोली चलने के आदेश दे दिए. वहीं मणिपुर के राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर ‘देखते ही गोली मारने’की कार्रवाई की जाने के आदेश दिए है.