जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में महज कुछ महीने शेष है। राजनीतिक पार्टियों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। रविवार को धौलपुर में सीएम अशोक गहलोत के बयान के बाद से राजस्थान की राजनीति में गर्माहट बढ़ गई है। रविवार 7 मई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान ने मानेसर की घटना को फिर से जिन्दा कर दिया। गहलोत ने अपने भाषण के दौरान गृहमंत्री अमित शाह को खुली चुनौती देते हुए आक्रामक हो गए। उन्होंने कहा कि जिन विधायकों ने अमित शाह से उस वक्त पैसे लिए थे, मेरी उनसे अपील है कि वो पैसे वापस लौटा दें, अमित शाह का पैसा मत रखिए, उनका पैसा रखोगे तो अमित शाह के दबाव में रहोगे। मैंने कहा है सब कुछ भूलो, माफ करो, आगे बढ़ो। जो पैसे लिए हैं उनमें से कुछ 1 या 2 करोड़ खर्च भी कर दिए होंगे। फिर भी कोई बात नहीं, जो खर्च किए वो मैं दे दूंगा या AICC से दिलवा दूंगा। उसकी खानापूर्ति मैं कर दूंगा।
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बड़ा हमला बोला
राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट के जरिए सीएम गहलोत से पूछा कि आपने देश के माननीय गृहमंत्री जी को आरोपित करने की तोहमत उठाई है तो कृपया यह भी बता ही दें कि सरकार भी आपकी, पुलिस पर नियंत्रण भी आपका, गृहमंत्री भी आप, आपकी नजरों में आये बिकाऊ विधायकों की सर्वाधिक जानकारी भी आपको, तो फिर देरी किस बात की। जो विधायक आपकी नजरों में धोखेबाज थे वह आज मंत्रिमंडल में विराजमान है।
गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल है बागी विधायक
राठौड़ ने मुख्यमंत्री गहलोत पर एक और हमला करते हुए कहा कि त्कालीन मुख्य सचेतक जोशी जी द्वारा फोन टैपिंग प्रकरण में एसीबी व एसओजी दर्ज कराई गई FIR नंबर 47,48,49, 129 में एफआर भी आपके निर्देश पर लगी और अब आरोप भी आप लगा रहे हैं। जो विधायक आपकी नजरों में धोखेबाज थे वह आज मंत्रिमंडल में विराजमान है। सरकारी धन पर लगाये जा रहे महंगाई राहत कैंपों में पूर्व में रजिस्टर्ड लाभार्थी के बाद पुनः रजिस्ट्रेशन के लिए मजबूरवश आई भीड़ के सामने इस प्रकार का प्रलाप कोई राजनीतिक लाभ नहीं देगा।