राजस्थान के मुख्यमंत्री प्रदेश में माली-कुशवाहा के आंकड़ें उपलब्ध नहीं होने की बात हमेशा करते रहते है. तो दूसरी तरफ हरियाणा ने आरक्षित वर्ग के जातियों के आंकड़े जुटा लिए हैं. एससी और पिछड़ों की 78 जातियों के आंकड़े हरियाणा सरकार के पास उपलब्ध हैं.
इन राज्यों के पास आंकड़े मौजूद
आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने अभी तक आरक्षित वर्ग के आंकड़े जनता को नहीं बताया है. वहीं हरियाणा ने एससी समेत पिछड़े 78 जातियों के आंकड़े जुटा लिए हैं. हरियाणा सरकार ने 71 लाख परिवारों के लिए पहचान पात्र तैयार कराए हैं. जिसमें एससी और पिछड़ों की केटेगरी के परिवारों से जाति पूछी गई है. जबकि हरियाणा सरकार ने सामान्य जाति के आंकड़े नहीं होने की बात कही है. राज्य में 64 प्रतिशत आरक्षण है. ऐसे में राजस्थान में भी ओबीसी, एसटी और आर्थिक आधार पर आरक्षण बढ़ाने की मांग लगातार उठ रही है.
डाटा लीक करने पर 10 वर्ष की सजा
हरियाणा में परिवार पहचान पत्र के लिए अलग डिपार्टमेंट बनाया गया है. डाटा लीक पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. वहीं परिवार पहचान पत्र से पेंशन, रोजगार समेत कई नई योजनाओं का लाभ मिलता है.
सचिव शर्मा ने दी जानकारी
इस बारे में सामाजिक न्याय और आधिकारिकता विभाग के सचिव, शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि मौर्य समाज, कुशवाह के आरक्षण आंदोलन के उपरान्त स्टेट ओबीसी कमीशन ने केंद्र सरकार को चिठ्ठी लिखी है. उन्होंने कहा कि इसमें इन्हें कैसे राहर दी जाए, उस विषय पर बात की है. अब आगे क्या रहेगा? इसका जवाब कमीशन ही बता सकेंगे।