Thursday, November 21, 2024

Rajasthan: कोटा में बन रहा देश का सबसे लंबा 8 लेन का हाईटेक सुरंग,वन्य जीवों का रखा गया ध्यान, जानें क्या है खास

जयपुर: कोटा से होकर गुजरने वाली दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कई जगह बेहतरीन और आधुनिक तकनीक का नजारा देखने को मिल रहा है। ये एक्सप्रेसवे देश और दुनिया में अपनी मिसाल पेश करेगा। इसका प्रवेश अब राजस्थान में हो चूका है और कोटा तक काम पहुंच गया है। वहीं कोटा , बूंदी और झालावाड़ में मुकुंदरा टाइगर रिज़र्व आने से यहां के जानवरों को सुरक्षित रखते हुए और उनकी जीवन शैली को बिना प्रभावित किए कार्य किया जा रहा है।
बता दें कि यहां पर वन्य जीवों के लिए करीब 5 किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है। यह सुरंग भारत की पहली 8 लेन की इतनी लंबी सुरंग होगी। इस तरह का सुरंग भारत में कहीं भी देखने को नहीं मिलेगी। ये दुनिया की अत्याधुनिक सुरंगों में भी शुमार होगी।

सुरंग के हर हलचल पर होगी नजर

इस सुरंग को बनाए जाने में सेंसर सिस्टम का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है। टनल में स्मोक सेंसर के अलावा कई तरह के सेंसर लगाए जा रहे हैं। इस टनल में वाहनों की आवाजाही नहीं होने पर लाइट बंद होगी , फायर सिस्टम, पॉल्यूशन कण्ट्रोल, व्हीकल मैनेजमेंट, मोबाइल नेटवर्क, फ्रेश एयर सहित कई तरह की सुविधा होगी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट (पीआईयू) कोटा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर और जनरल मैनेजर जेपी गुप्ता के अनुसार सुरंग का निर्माण जनवरी 2024 में पूरा होना था, लेकिन काम देरी से शुरू हुआ। वन्य क्षेत्र होने के चलते भी स्वीकृति में दिक्कत हुई थी। बाद में मलबे का निस्तारण की भी समस्या सामने आई थी। ऐसे में अब निर्माण कार्य में समय लगेगा और तय समय से कुछ माह देरी से निर्माण पूरा हो जाएगा।

वन्य जीवों का रखा गया ध्यान

मुकुंदरा टाइगर रिज़र्व में टाइगर की सुरक्षा के साथ अन्य वन्य जीवों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। ये टनल मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व के 500 मीटर पहले से शुरू होगी और टाइगर रिज़र्व खत्म होने के 500 मीटर आगे तक चलेगी।

टनल में क्या है खासियत

इस टनल की खासियत यह है कि सुरंग की 2 ट्यूब बनाई जा रही है, जिसमें 1 ट्यूब से चार लेन का ट्रैफिक गुजरेगा। इन दोनों ट्यूब को सुरंग के भीतर 9 जगह पर जोड़ा भी गया है। जिनका उपयोग इमरजेंसी में किया जा सकेगा। इसके साथ ही वाहन दुर्घटना होने पर स्थिति को कंट्रोल करने के लिए सुरंग में 4 ले-बाय भी बनाए गए हैं। ताकि यातायात सुचारू रहे। एक ट्यूब में 15 मीटर का रास्ता रहेगा और इसकी ऊंचाई करीब 11 मीटर रहेगी। साथ ही इसे पूरी तरह से वाटरप्रूफ किया जाएगा। साथ ही ड्रेन के पानी को बाहर निकालने के लिए पंप लगाए जाएंगे।

अधिकारियों के अनुसार 3.3 किमी के हिस्से को पहाड़ काटकर बनाया जा रहा है। ऐसे में कोटा की तरफ से काफी ज्यादा काम हो चुका है। एक ट्यूब में 1.3 और दूसरी में 1.2 किलोमीटर खुदाई हो चुकी है। बाकी काम भी तेजी से किया जा रहा है। अभी भी करीब 2 किलोमीटर की खुदाई दोनों ट्यूब में होने बाकी है। यहां पर 24 घंटे कार्य किया जा रहा है। स्काडा सिस्टम से जुड़ने पर सीसीटीवी के जरिए मॉनिटरिंग भी की जाएगी। ऐसे में कोई भी वाहन अगर सुरंग के भीतर रुकता है या फिर कुछ अनयूजुअल लगता है। तब तुरंत सुरंग को मॉनिटरिंग कर रही टीम वहां पहुंच जाएगी और पूरी मदद करेगी।

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