जयपुर। घरेलू तेलों में गिरावट दर्ज की जा रही है क्योंकि आयातित तेलों का दाम घरेलू बिकने वाले तिल से सस्ते दरों पर मिल रहे हैं. जिसकी वजह से सोयाबीन, मूंगफली, कच्चा पामटेल और बिनौला तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है.
घरेलू तेल के दाम गिरे
दरअसल सस्ते आयातित तेलों के आगे घरेलू तेल- तिलहनों की कीमतों के आगे टिक नहीं पाने की वजह से सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन कच्चा पामतेल और बिनौला तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. जानकारी के अनुसार विदेशो में खाद्य तेलों के दाम में भारी गिरावट आई है और किसान निचे भाव से बिकवाली से बचने के लिए बाजारों और मंडियों में कम उपज ला रहे हैं. वर्त्तन में बाजारों के भीतर सोयाबीन का तेल 120 रूपए लीटर एयर सरसों का तेल 115 रूपए लीटर मिल रहा है.
थोड़ी- बहुत ही हो रही बिक्री
मस्टर्ड आयल प्रोडूयसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडियन का कहना है कि असमंजस के बीच केवल मजबूरी में थोड़ी बहुत मात्रा में जरूरतमंद किसान बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि, आयातित तेलों के दाम घटने से सरसों किसान भारी दबाव में हैं, क्योंकि उनका माल खप नहीं रहा है। पिछले साल सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए क्विंटल था और किसानों को बाजार से अपनी उपज के लिए 7000 के लगभग दाम मिले थे। लेकिन, इस बार सरसों का एमएसपी 5450 रुपए क्विंटल है, लेकिन बाजार में किसानों को हाल ही में 4600 से 4700 रुपए क्विंटल के दाम मिले हैं।