Monday, September 16, 2024

राजस्थान: लोग रोज खा जाते हैं 3 करोड़ के तंबाकू, इससे इकट्ठा हुआ 7 हजार टन का कचरा

जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। वैसे तो हर उम्र के लोगों में तंबाकू खाने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है चाहे वह छोटे उम्र के लोग हो या बड़े उम्र के हर कोई तंबाकू का उपयोग कर रहा है। तंबाकू को लेकर ही एक अलग रिकॉर्ड जोधपुर के वाशियों ने बना डाला। जोधपुर के वाशिंदे हर दिन तीन करोड़ रूपये से ज्यादा का तंबाकू खा जाते हैं। यह जानकर आपको हैरानी हो रही होगी की कोई इतना ज्यादा तंबाकू कैसे खा सकता है। लेकिन यह अकड़ा बिल्कुल सही है। तंबाकू मुक्त राजस्थान अभियान की शुरुआत 25 से 31 मई तक विश्व तंबाकू निषेध दिवस सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन को लेकर एसआरकेपी एस द्वारा मीडिया कार्यशाला में जानकारी दी गई।

लोगों को किया जायेगा जागरूक

प्रभारी क्रियान्वयन स्कूलों में तंबाकू के दुष्प्रभाव की जानकारी देकर युवा पीढ़ी को तंबाकू मुक्त रखा जा सके, इसके लिए जागरूक किया जाएगा। वहीं इसको लेकर संयोजक चौधरी ने बताया कि जोधपुर के 16 लाख लोग प्रतिदिन पान मसाला, गुटका वाले तंबाकू जनित उत्पादों का उपभोग कर तीन करोड़ रूपये प्रतिदिन खर्च करते हैं। वहीं प्रतिमाह 90 करोड़ और प्रतिवर्ष 1100 करोड़ रुपए का तंबाकू खा जाते हैं। इन आंकड़ों में 10 से 15 साल वाले युवाओं को भी जोड़ दिया जाए तो यह खर्च करीब दो गुना हो जाता है। इससे मौत के आंकड़े भी ज्यादा बढ़ जाते हैं।

तंबाकू के उपयोग से होती है लाखों की मौत

तंबाकू उत्पादों के उपभोग से प्रतिवर्ष 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वहीं भारत में प्रतिवर्ष करीब 15 लाख लोगों की मौत होती है। जबकि राजस्थान में प्रतिवर्ष करीब 80 हजार लोग मौत के शिकार हो रहे हैं। वहीं अगर बात करें राजस्थान की तो यहां पर प्रतिदिन 220 लोगों की तंबाकू का सेवन करने से तंबाकू से होने वाली बिमारियों के कारण मौत की आगोश में चले जाते हैं। राज्य सरकार के साथ भी एडवोकेसी की जा रही है कि तंबाकू उत्पादों को बंद करें या फिर शराब की तरह निर्धारित दुकानों के लाइसेंस जारी किए जाए। ताकि युवा पीढ़ी को तंबाकू उत्पादों से दूर रखा जा सके। तंबाकू के सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।

कचरे से हो रहा पर्यावरण को नुकसान

एसआरकेपीएस कार्यक्रम अधिकारी विकास कुमार ने कार्यशाला में ‘कोटवा 2023’ के बारे में पीपीटी से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एम्स जोधपुर की ओर से किए गए अनुसंधान और अध्ययन के अनुसार 7000 टन कचरा तंबाकू उत्पादों से होता है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि तंबाकू उत्पादों से होने वाले कचरे से 30 लाख प्लास्टिक की बाल्टीया बनाई जा सकती हैं। छह हजार पेड़ बचाए जा सकते हैं. 32 लाख नोटबुक बनाई जा सकती हैं और एक विमान 747 का निर्माण किया जा सकता है। 3.5 लाख टी-शर्ट बनाए जा सकते हैं।

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