Sunday, November 24, 2024

राजस्थान: कांस्टेबल से यूपीएसी तक तय किया सफर, मार्ग को अब जाकर मिली मंजिल

जयपुर। राजस्थान के दौसा जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित बापी गांव निवासी रामभजन प्रजापत ने यूपीएससी में 667 वीं रैंक हासिल की है.

रामभजन ने निकाली UPSE की परीक्षा

आपको बता दें कि राम बजन प्रजापत ने 2012 में स्कूल शिक्षा पूरी की. इस दौरान उनका दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर सेलक्शन हो गया और इसी साल उनकी शादी भी हो गई लेकिन राम भजन के सपने आसमान जितना ऊंचा और फैला हुआ था इसी लक्ष्य को पाने के लिए उन्होंने ग्रेजुएशन की पढाई पूरी की और पीजी भी किया इसके साथ NEET JRF हिंदी विषय से क्वालीफाई किया।

एक बार फिर दे रहे परीक्षा

दिल्ली कांस्टेबल के पद पर रहते हुए 2015 में राम- भजन को अपने सीनियर अफसर से प्रेरणा मिली और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत की जिसके लिए दिल्ली में एक साल तक कोचिंग भी की और उसके बाद सेल्फ-स्टडी पर भी फोकस किया। राम भजन ने प्रतिदिन 7 से 8 घंटे पढाई करने का निश्चय किया और उन्होंने एक के बाद एक 7 बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन हर बार असफलता ही हासिल हुई इन सभी असफलताओं के बावजूद भी राम भजन ने हार नहीं मानी और आपने चेहरे पर मायूसी की शिकंज नहीं आने दी। उन्होंने एक के बाद एक यूपीएससी की परीक्षा दी और अंत में उनकी जीत हुई. हालांकि इस बार 667 वी रैंक आने से संतुष्ट नहीं हुए और फिर नवीं बार यूपीएससी की परीक्षा दे रहे हैं ताकि रैंक में सुधार हो सके.

अनुशासन बनी सफलता का कारण

पुलिस की कठिन ड्यूटी निभाने के बाद अनुशासन में रहते हुए राम भजन ने पढ़ाई से मन नहीं हटाया और उसी के कारण उनका यूपीएससी में चयन हुआ. नौकरी करना उनके लिए बहुत जरुरी था क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी और 2012 में शादी भी हो चुकी थी जिसके कारण परिवार की जिम्मेदारी भी उनके सिर पर थी. उनकी पत्नी अंजलि आठवीं तक पढ़ी हुई थी. राम भजन ने अपनी पत्नी को भी आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया और गांव की सरकारी स्कूल में सीनियर तक रेगुलर पढाई करवाई उसके बाद ग्रेजुएशन करवाया और b.ed भी करवाई राम भजन ने कहा कि मेरे जैसे साधारण व्यक्ति ले लिए यूपीएससी में चयन होना बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि अगर इंसान ईमानदार और अनुशासन में रहते हुए कठोर परिश्रम करें तो लक्ष्य जरूर पूरा होता है.

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