Sunday, November 3, 2024

Ajmer-92: ‘द कश्मीर फाइल्स’,’द केरला स्टोरी’ के बाद आ रही है ‘अजमेर-92’, चुनाव से पहले बिगाड़ सकती है कांग्रेस का गणित

जयपुर: पिछले साल से फिल्म जगत में एक अलग ही दौर चल रहा है। मार्च 2022 में आई ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म काफी चर्चा का विषय बनी थी और इस फिल्म को विरोध का सामना भी करना पड़ा था लेकिन उसके बावजूद इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की थी। ठीक इसी तरह हालिया में 5 मई को रिलीज हुई ‘द केरला स्टोरी’ को भी काफी विरोध का सामना करना पड़ा। कुछ राज्यों में इस पर बैन भी लगे, लेकिन उसके बाद भी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया। इन दोनों फिल्म की सफलता के बाद 1992 में अजमेर में हुए सेक्स स्कैंडल पर बनी फिल्म ‘अजमेर-92’ के रिलीज होने की घोषणा हो चुकी है। अभिषेक दुधैया के निर्देशन में बनी यह फिल्म 14 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म का पहला पोस्टर जारी होने के साथ ही तीन दशक पुराना सेक्स स्कैंडल फिर से चर्चा में है।

राजस्थान चुनाव में कांग्रेस हो सकता है नुकसान

राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा का चुनाव है और फिर उसके बाद लोकसभा चुनाव संभावित है। ऐसे में चुनावों से पहले फिल्म के रिलीज होने से निश्चित ही विवाद खड़ा होगा। जिसका असर आगामी चुनावों में भी पड़ सकता है। क्योंकि कुछ आरोपी यूथ कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारी थे। इसलिए भाजपा इसका राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश भी करेगी।

अजमेर सेक्स स्कैंडल क्या है ?

साल 1992 के अप्रैल-मई महीने में जो कृत्य पवित्र नगरी अजमेर में हुआ उसने न सिर्फ अजमेर को बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर के रख दिया। अजमेर के चिश्ती घराने से ताल्लुक रखने वाले फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती जो कि उस वक्त यूथ कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारी थे। उन्होंने अजमेर के पूंजीपति के बेटे का यौन शोषण किया और उसकी नग्न तस्वीरें उतारी, फिर उसे धमकाकर उसकी गर्लफ्रेंड को भी ट्रैप में फंसाया। जो कि अजमेर के एक नामी स्कूल में पढ़ती थी।
उसके बाद उस लड़की को डरा-धमकाकर उसकी सहेलियों को भी इसमें शामिल करना शुरू किया और लगातार उनका यौन शोषण किया। इसी कड़ी में फारूक चिश्ती और उसके 8-10 दोस्तों ने मिलकर उस स्कूल की 100 से अधिक लड़कियों का गैंगरेप किया और उनकी अश्लील तश्वीरें भी लीं। उसके बाद से इन लड़कियों को लगातार ब्लैकमेल किया गया।

स्टूडियों से वायरल हुई तस्वीरें

1992 के उस दौर में इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिवटी नहीं थी। उस समय फोटो को कलर लैब स्टूडियों से प्रिंट किया जाता था। जब इन दोषियों ने स्टूडियों से प्रिंट निकालना चाहा तो स्टूडियो में काम करने वाले एक कर्मचारी ने उन तस्वीरों की कॉपी अपने पास रख ली। उसके बाद उस कर्मचारी ने उन लड़कियों को फोटो के जरिए ब्लैकमेल करना शुरू किया। धीरे -धीरे यह तस्वीरें शहर में सब जगह फैल गई। इस कार्यों को अंजाम देने वाले दोषी ताकतवर खानदान से थे, इसलिए पुलिस ने भी शुरूआती तौर पर कोई जांच नहीं की। इन वायरल तस्वीरों के कारण जब 5-6 लड़कियों ने आत्महत्या की तो यह खबर एक स्थानीय अख़बार में छपी जिससे हर तरफ हड़कंप मच गया। आखिरकार पुलिस को मामला दर्ज करना पड़ा।

पीड़ितों को नहीं मिला न्याय

अजमेर सेक्स स्कैंडल का मामला पिछले 31 वर्षों से अजमेर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और पोक्सो कोर्ट में चला। कभी दोषियों को सजा हुई तो कभी न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में निर्णय बदल दिए। अब कुछ दोषी सजा काटकर बाहर आ चुके हैं तो कुछ जमानत पर बाहर हैं। एक आरोपी ने खुद को मानसिक दिवालिया घोषित कर दिया जिससे वह भी बाहर आ गया है। कुछ पीड़िताएं अभी भी न्याय के लिए कोर्ट के चक्कर काट रही है।

अभिषेक दुधैया के निर्देशन में बनी है फिल्म

अजमेर में 100 से अधिक लड़कियों पर हुई ज्यादती की घटना पर ‘अजमेर-92’ फिल्म 14 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस फिल्म में अभिषेक दुधैया निर्देशक के तौर पर काम कर रहे हैं। इस फिल्म में करण वर्मा, सुमित सिंह, सायजी शिंदे और मनोज जोशी नजर आएंगे। जयपुर निवासी डॉ. जितेंद्र शर्मा ने इस फिल्म की कहानी पर रिसर्च किया है। मीडिया से बातचीत के दौरान डॉ. जितेंद्र शर्मा बताते हैं कि अजमेर ब्लैकमेल कांड पर पिछले 3 वर्षों से काम कर रहा हूं। मैं कई पीड़िताओं से मिला हूं, मैनें कोर्ट में पेश किए गए सारे तथ्यों को पढ़ा है। मुझे लगता है दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़िताओं को न्याय की कोई उम्मीद नहीं बची है। जब यह फिल्म परदे पर आएगी तो इस घटना से पूरी दुनियां वाकिफ होगी।

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