जयपुर: राजस्थान में सियासी हलचल के बीच राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर चल रही तमाम खबरों, अटकलों और संभावनाओं के बीच 7 जून बुधवार को कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई, जिसने अचानक सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। दरअसल ये तस्वीरें सचिन पायलट की नई दिल्ली स्थित टेरिरोरियल आर्मी हेडक्वॉर्टर की थी। जिसे खुद सचिन पायलट ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है। इन तस्वीरों में पायलट आर्मी के यूनिफार्म में नजर आ रहें हैं।
परिवार का हिस्सा होने पर गर्व है
पायलट ने चार तस्वीरें साझा की जिसमें वे टी-124 सिख रेजिमेंट के जवानों के साथ दिखें। उन्होंने तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा कि अपने साथियों और यूनिट ऑफिसर्स के साथ, वास्तव में इस परिवार का हिस्सा होने पर गर्व है।
2012 में ज्वाइन की थी आर्मी
सचिन पायलट ने 11 साल पहले वर्ष 2012 में टेरिटोरियल आर्मी ज्वाइन की थी। वे उस समय केंद्रीय दूरसंचार राज्यमंत्री थे। टेरिटोरियल आर्मी ज्वाइन करने के साथ ही पायलट इसमें लेफ्टिनेंट बन गए थे। उन्हें बतौर रेग्युलर ऑफिसर टेरिटोरियल आर्मी में शामिल किया गया था। पायलट ये उपलब्धि हासिल करने वाले पहले मंत्री हैं।
तब हुए एक कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन सेना प्रमुख रहे जनरल बिक्रम सिंह ने साउथ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में सचिन पायलट के कंधे पर रैंक का फीता लगाकर उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में शामिल किया था।उस दौरान पायलट की मां रमा पायलट भी उपस्थित थीं। सचिन पायलट को सेना की 124 वीं सिख बटालियन के साथ संबद्ध किया गया। इसके बाद सचिन ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी ख्वाहिश थी सेना में शामिल होना, जो आज पूरी हुई।
पिता-दादाजी भी थे सेना में
सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट और दादा जय दयाल भी सेना से ही जुड़े थे। दादा इंफेंट्री में सैनिक थे, तो वहीं पिता वायुसेना में लड़ाकू पायलट थे।
जाने क्या होती है टेरिटोरियल आर्मी
टेरिटोरियल आर्मी यानी प्रादेशिक सेना, भारतीय सेना की एक ईकाई और सेवा है। इसके स्वयंसेवकों को प्रतिवर्ष कुछ दिनों का सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि आवश्यकता पड़ने पर देश की रक्षा के लिए उनसे सेवा ली जा सकें।
भारतीय संविधान सभा द्वारा सितंबर 1948 में पारित प्रादेशिक सेना अधिनियम 1948 के अनुसार भारत में अक्टूबर 1949 में प्रादेशिक सेना स्थापित हुई। इसका उद्देश्य संकटकाल में आंतरिक सुरक्षा का दायित्व लेना और आवश्यकता पड़ने पर नियमित सेना को यूनिट (दल) प्रदान करना है। साथ ही नवयुवकों को देशसेवा का अवसर प्रदान करना है। इसमें होने के लिए आयु सीमा 18 और 35 वर्ष है। सेवानिवृत्त सैनिकों और प्राविधिज्ञ नागरिकों के लिए शिथिलता दी जा सकती है।