जयपुर। राजस्थान से एक बार फिर बड़ी खबर सामने आ रही है. जयपुर की दिव्या मित्तल पर आरोप है कि उन्होंने जुआरू दवा संबंधी मामले में एक दवा निर्माता कंपनी के संचालक को गलत ढंग से अपशब्दित करके उसका नाम हटाने की मांग की गई थी। उसके बदले दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। जांच के बाद एसीबी ने दिव्या को 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था। निर्माता कंपनी दवा उत्पादित करती है।
दिव्या मित्तल एक बार फिर सुर्खियों में
आपको बता दें कि नशीली दवाओं के तस्करी के मामले में एसीबी द्वारा निलंबित आरपीएस अधिकारी दिव्या मित्तल के पास 123.53 फीसदी से अधिक जानकार स्रोतों से आय प्राप्त हुई है जबकि सुमित के पास 523.34 फीसदी से अधिक आय के साथ संपत्ति मिली है। इसके बाद, निलंबित एसओजी के खिलाफ एसीबी द्वारा दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज किए गए हैं, एक दिव्या मित्तल के खिलाफ जो आय से अधिक संपत्ति प्राप्त करने के लिए दर्ज किया गया है और एक सुमित के खिलाफ जो भी आय से अधिक संपत्ति प्राप्त करने के लिए दर्ज किया गया है।
शुक्रवार को की छापेमारी
शुक्रवार को एसीबी ने दिव्या मित्तल और सुमित के करीब 6 जिलों में ठिकाने पर छापेमारी कर सम्पति के डाक्यूमेंट्स समेत अन्य सबूत जुटाए। एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि जयपुर में 200 फीट बाईपास स्थित दिव्या मित्तल के अपार्टमेंट, झुंझुनूं के चिड़ावा स्थित उसके पूर्वजों का निवास, उदयपुर में उनकी द नेचर होटल एंड रिसॉर्ट समेत अन्य स्थानों पर एसीबी की टीमों ने छापेमारी की है. उसी तरह उनके पूर्वजों के निवास को एसीबी ने पूरी तरह से सील कर दिया है.
क्या था पूरा मामला ?
दिव्या मित्तल पर आरोप है कि उन्होंने नशीली दवा से जुड़े मामलों में एक दवा फैक्ट्री के संचालक को गलत रूप से लिप्त बताकर उसका नाम हटाने की बात कही थी। इसके बदले में दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। जांच के बाद एसीबी ने दिव्या को 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था। परिवादी की दवा बनाने वाली कंपनी है। एएसपी ने दिव्या को परिवादी की हरिद्वार स्थित दवा कंपनी में पहुंचाया। वहां जाकर परिवादी से कहा गया कि उसके खिलाफ अजमेर में साइकोट्रॉपिक दवा के तीन केस दर्ज हुए हैं।