जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक दिवसीय जयपुर दौरे पर हैं. जयपुर पहुंचकर एमएनआईटी में विद्यार्थियों को धनखड़ ने संबोधित किया। उन्होंने भाषण के दौरान कहा कि हम देश में पांचवें नंबर की आर्थिक ताकत है, जल्द ही दुनिया की सबसे आगे होंगे।
उपराष्ट्रपति पहुंचे जयपुर
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 23 जून को एक दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंचे हैं. यहां उन्होंने कहा कि आज हमारा देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। 2047 में हम दुनिया में सबसे आगे होंगे। उन्होए कहा कि सभी देश भारत की ओर देख रहे हैं। हम एकलव्य हैं। किसी के सिखाने का इंतजार नहीं करते। खुद ही सीख जाते हैं। भारत के लोगों का सामर्थ्य है कि 24 घंटे लगातार मेहनत कर सकते हैं।
MNIT को छात्रों को किया संबोधित
जयपुर पहुंचने के बाद उपराष्ट्रपति ने मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में नीति सभागार में छात्रों को संबोधित किया। यहां उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 विषय पर चर्चा की. उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि आप तनाव को हमेशा दूर रखें। अपने विचारों को लागू करें और सिर्फ खुद से ही प्रतिस्पर्धा करें। आप यह कर लेंगे तो जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी। मेहनत का कोई तोड़ नहीं है। उन्होंने छात्रों को चेतावनी देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को नशे से दूर रहना होगा, तभी भारत तरक्की करेगा। इस दौरान MNIT के डायरेक्टर एनपी पाढ़ी ने संस्थान की तरफ से की गई पहलों की जानकारी भी दी।
मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण
बता दें कि समारोह से पूर्व, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वहीं जयपुर के MNIT कॉलेज में पौधा रोपण भी किया। इसके बाद उपराष्ट्रपति ने शिक्षा मंत्रालय के फ्लैगशिप कार्यक्रमों की तस्वीरों की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी को सराहा
प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका में स्वागत हुआ और उनके भाषण को सराहा गया, वह आज के भारत के उज्जवल भविष्य को दर्शाता है। आप बहुत भाग्यशाली हैं कि आप ऐसे समय के साक्षी है जब भारत उदय हो रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया। यह अब रुकने वाला नहीं है। इसे आपको पंख लगाने हैं। आपकी मेहनत इसे और आगे लेकर जाएगी। उन्होंने कहा कि साल 2020 में हमारा डिजिटल ट्रांसफर न के बराबर था। अमेरिका, फ्रांस और विकसित देशों के मुकाबले हम बहुत पीछे थे। 2022 मैं हमारा डिजिटल ट्रांसफर 1.3 ट्रिलियन डॉलर का रहा। इससे फर्क नहीं पड़ता कि अंक कितने हैं, लेकिन आज हम अमेरिका के डिजिटल ट्रांसफर से आगे हैं।