Thursday, September 19, 2024

Rajasthan: 450 दुल्हनों ने भगवान शिव को दूल्हा मान किया समर्पण, 15 हजार बाराती बने साक्षी

जयपुर: श्रावण मास शुरू होने वाला है ऐसे में लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के अनेक उपाय करते थे। श्रावण मास को भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे महत्वपूर्ण मान जाता है। खास कर लड़कियों के लिए यह पर्व खासा मायने रखता है। कहा जाता है कि इसमें लड़कियां भगवान शिव की तरह पति पाने के लिए सोमवार का व्रत रखती हैं। यह मास पूरे एक महीना चलता है। इस बार श्रावण मास 4 जुलाई को शुरू हो रहा है। लेकिन इसके पहले राजस्थान में आबूरोड के ब्रह्माकुमारी संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में शुक्रवार रात्रि को आयोजित समर्पण समारोह में पहली बार एक साथ देशभर की 450 युवतियों का दिव्य विवाह हुआ।

15 हजार बाराती बने साक्षी

विवाह में 450 दुल्हनों ने भगवान शिव को दूल्हे के रूप में अपनाया। इस दुल्हनों में सीए, इंजीनियर, एमटेक, एमएससी, डॉक्टर, फैंशन डिजाइनर, स्कूल शिक्षिका भी शामिल थी। समारोह में उपस्थित 15 हजार लोग बाराती के रूप में इस दिव्य विवाह का के साक्षी बने। सभी 450 बेटियों ने भगवान शिव को वर मन कर स्वयं को परमात्मा को समर्पित कर संयम का मार्ग अपनाया। सभी 450 बेटियों ने शिव को वर मान कर स्वयं को परमात्मा को समर्पित कर संयम का मार्ग अपनाया। इस दौरान खुशी में भावुक माता-पिता ने कहा कि उनका जीवन धन्य हो गया। परमात्मा से यहीं कामना है कि हर जन्म में ऐसी शक्ति स्वरूपा, कुल उद्धार करने वाली बेटी मिले।

450 बेटियों ने धारण किया ब्रह्मचर्य व्रत

संस्थान के इतिहास में पहली बार एक साथ 450 बेटियों ने ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर ब्रह्माकुमारी के रूप में आजीवन समाजसेवा का संकल्प लिया। इन बेटियों को खुशी में नाचते देख हर कोई भावुक हो उठा। समारोह में बेटियों के माता-पिता ने अपनी-अपनी लाड़लियों का हाथ संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दीदी रतनमोहिनी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी मुन्नी दीदी, राजयोगिनी संतोष दीदी के हाथों में सौंपा।

अलसुबह 3.30 बजे से शुरू हुई बहनों की दिनचर्या

परमात्मा को अपना जीवन समर्पण करने वाली सभी बहनों की पहले दिन की दिनचर्या अलसुबह ब्रह्ममुहूर्त में 3.30 बजे से शुरू हुई। सबसे पहले सभी बहनों ने परमपिता शिव परमात्मा, शिव बाबा का एक घंटे ध्यान किया। इसके बाद सुबह 7 बजे से आठ बजे तक सत्संग (मुरली क्लास) में भाग लिया। शाम को दिव्य अलौकिक समर्पण समारोह में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह में संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी ने कहा कि आज एक साथ इतनी बहनों का समर्पण देखकर मन खुशी से झूम रहा है। ये बेटियां बहुत भाग्यशाली हैं। महासचिव बीके निर्वैर भाई ने कहा कि सभी बहनें जीवन में अपने कर्मों से समाज में नए उदाहरण प्रस्तुत करें। अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने कहा कि अपना जीवन परमात्मा पर अर्पण करने से बड़ा भाग्य कुछ नहीं हो सकता है। कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि आपकी वाणी दुनिया के कल्याण का माध्यम बने। आपका एक-एक कर्म उदाहरणमूर्त हो। मधुरवाणी ग्रुप के कलाकारों ने गीत व कटक के कलाकारों ने विभिन्न नृत्यों की प्रस्तुति दी।

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