Friday, November 8, 2024

महामृत्युंजय मंत्र के क्या फायदे, सावन में क्यों करना चाहिए जाप

जयपुर। सावन 4 जुलाई से शुरू होने वाला है. सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से मन शांत रहता है और सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

सावन 4 जुलाई से शुरू

आपको बता दें कि सावन में भगवान शिव शंकर का सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है. यह मंत्र हमारे मन और शरीर दोनों को प्रभावित करता है. भगवान शिव का सबसे प्रिय मंत्र नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है.

महामृत्युंजय मंत्र

ओम त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम
उर्वारुकमिव बंधनान मृत्योर मुक्षीय मामृतात्

मंत्र का अर्थ

महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ है कि आइए हम भगवान शिव की पूजा करें, जो पवित्र हैं और सभी प्राणियों का पोषण करते हैं. जिस तरह एक पका हुआ खीरा प्राकृतिक रूप से पौधे से निकलता है, उसी तरह हम सभी को मृत्यु से मुक्ति मिले और हमें हमारी अमर प्रकृति प्रदान की जाए.

इस मंत्र का प्रभाव

इस मंत्र के जाप करने से मन शुद्ध हो जाता हो. इस मंत्र से परिवार को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विपदाओं से बचता है. शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र के जाप करने से स्वास्थ स्वस्थ रहता है और अकाल मृत्यु नहीं होती है.

कब करें इस मंत्र का जाप

मंत्र जाप के लिए सुबह- सुबह स्नान करने के बाद सबसे अच्छा समय माना जाता है. इसे ब्रह्म मुहूर्त( सुबह 4 बजे से 6 बजे) के दौरान करना शुभ माना जाता है. मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष माला का उपयोग करना सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि रुद्राक्ष स्वयं भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है. दिन में कम से कम पांच बार मंत्र का जाप करें. मंत्र जाप से पहले आपका मन शांत होना चाहिए. मंत्र पढ़ते समय अपने सामने भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर रखें, अगर इससे आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख होना चाहिए.

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