जयपुर: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने है ऐसे में राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों का चुनावी समीकरण और मौजूदा स्थिति पर बात करते है।
रेवदर विधानसभा सीट राजस्थान की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार रेवदर विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। हम आपके लिए लाये हैं विस्तृत कवरेज, जिसमें आप विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों की सूची, पार्टी प्रचार व अन्य खबरों के साथ-साथ जान सकेंगे यहां के विजेता, उपविजेता, वोट शेयर और बहुत कुछ।
2018 में बीजेपी की जीत
रेवदर विधानसभा सीट राजस्थान के सिरोही जिले में आती है। 2018 में रेवदर में कुल 50 प्रतिशत वोट पड़े। 2018 में भारतीय जनता पार्टी से जगसिराम कोली ने कांग्रेस के नीरज डांगी को 14604 वोटों के मार्जिन से हराया था।
अगर बात करें यहां पर निर्दलीय प्रत्याशियों की तो जिले के चुनावी इतिहास में निर्दलीय प्रत्याशियों का कोई खास असर नहीं रहा है। यदि शुरुआती चुनावों को छोड़ दें तो इसके बाद कभी भी कोई निर्दलीय प्रत्याशी यहां से जीतकर विधानसभा नहीं पहुंचा। लेकिन अब तक के अधिकांश चुनावों में कांग्रेस या भाजपा को ही यहां से जीत मिली है।
निर्दलीयों के हाथ वर्षों से खाली
2008 के विधानसभा चुनावों की बात की जाए तो इन दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को छोड़कर शेष सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। जिनमें निर्दलीयों के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रत्याशी भी शामिल थे। जिले के सिरोही विधानसभा क्षेत्र से 1952 में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई। इसके बाद 1957 में भी यहां से निर्दलीय प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की। वहीं, पिंडवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 1957 में निर्दलीय ने बाजी मारी। रेवदर विधानसभा क्षेत्र से 1952 में निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी। इसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी अपनी जीत दर्ज नहीं करा सकें।
1977 से 2018 तक के चुनावी परिणाम
इस क्षेत्र की आबादी और जातिगत समीकरण
सिरोही जिले की बात करें तो यहां की तीन विधानसभा सीट में सिरोही, पिंडवाड़ा आबू और रेवदर पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं रेवदर विधानसभा क्षेत्र संख्या 148 की बात करें तो यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है और जालोर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 376961 है जिसका 80.66 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 19.34 प्रतिशत हिस्सा शहरी है। वहीं कुल आबादी का 28.23 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति और 25.21 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति हैं।