Friday, November 22, 2024

Rajasthan Politics: बुरे फंसे राजेंद्र सिंह गुढ़ा, अस्पताल कब्जाने के मामले में जा सकते है जेल

जयपुर: राजस्थान की राजनीति में कुछ दिन पहले दिशा बदल देने वाले गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बुरे फंसते हुए नजर आ रहे हैं। गहलोत मंत्रिमंडल से बर्खास्त होने के बाद से गुढ़ा राजस्थान की राजनीति में इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं। राजेंद्र गुढ़ा को एक एनआरआई (NRI) डॉक्टर के गोविंदगढ़ स्थित अस्पताल और जमीन कब्जाने में सम्मिलित माना है। एक साल पुराने इस मामले में गुढ़ा का पिए, पिए के सेल और जयपुर का एक बिल्डर को पहले ही इस मामले में गिरफ्तार किया जा चूका है। जांच में गुढ़ा का नाम सामने आने के बाद पुलिस ने फाइल को गत सप्ताह ही सीआईडी में भेजने का निर्णय किया था। आईजी जयपुर रेंज के यहां से फाइल कुछ दिन पहले ही सीआईडी के पास पहुंची है।

क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला गोविंदगढ़ के बलेखन गांव का है। यहां अफ्रीका में रह रहे डॉक्टर बनवारी लाल मील का बीएल मील अस्पताल है। उन्होंने कामकाज के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी मानसरोवर निवासी निर्मल कुमार को दी थी। यहां पर 20 अगस्त 2022 को कई लोग लाठी लेकर अचानक कब्जा करने पहुंचे। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और गांव वालों की मदद से पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें राजेंद्र गुढ़ा के पीए के साले अभय सिंह भी शामिल था ।

इस मामले की तफ्तीश पहले थाना स्तर पर की गई। इसके बाद इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण धर्मेंद्र यादव को सौंपी गई। तफ्तीश में सामने आया कि निर्मल ने बिना चिकित्सक को बताए साजिश के तहत बिल्डर सत्यनारायण गुप्ता की कम्पनी के नाम किराए की लीज डीड तैयार की थी। इस लीज डीड में अस्पताल और करीब 10 बीघा जमीन का एक साल का किराया मात्र 70 हजार रुपये बताया गया। कुछ माह बाद इसकी इस जमीन की लीज डीड अभयसिंह (पिए का साला) के नाम की गई थी।

जांच में पुलिस को क्या पता चला

इस मामले की जांच-पड़ताल में सामने आया कि लठैतों को अभय सिंह और लोकेन्द्र उर्फ लक्की लेकर आया था। उन्हें तत्कालीन मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने भेजा था। वहीं मामले में निर्मल और अभय सिंह के बाद दीपेन्द्र को भी गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ के बाद सत्यनारायण गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया। अब इसमें राजेंद्र गुढ़ा का नाम आने के बाद फाइल को सीआईडी भेजने का निर्णय लिया गया। जांच अधिकारी की टिप्पणी के बाद फाइल आईजी कार्यालय भेजी गई थी।

Ad Image
Latest news
Related news