Monday, September 16, 2024

Rajasthan Politics: मानगढ़ धाम में सियासी जमावड़ा, आदिवासी दिवस पर सभा को संबोधित करेंगे राहुल गांधी

जयपुर: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में आदिवासी वोट को साधनें के लिए राज्य की सभी पार्टियां जद्दोजहद कर रही है ,ऐसे में आज बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को बड़ी जनसभा करेंगे। इस विशाल जनसभा में करीब दो लाख लोगों के आने की संभावना है। जिसमें सर्वाधिक लोग आदिवासी समाज के रहेंगे। राहुल गांधी और अशोक गहलोत तीर-कमान चलाकर और आदिवासी नृत्य में शामिल होकर खुशियों को सेलिब्रेट करेंगे। विधानसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण है आदिवासी बाहूल्य इलाका, क्योंकि आदिवासियों के चार जिलों की 19 सीटों पर मौजूदा समय में नौ बीजपी, सात कांग्रेस, दो बीटीपी, और एक निर्दलीय विधायक है। जिन्हें साधने का काम कांग्रेस करेगी।

विश्व आदिवासी दिवस पर राहुल देंगे सियासी मैसेज

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी विश्व आदिवासी दिवस पर बड़ा सियासी मैसेज चुनावी राज्य राजस्थान में देने वाले हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। पीसीसी चीफ डोटासरा, प्रभारी रंधावा, तीनों सह प्राभारी, गहलोत सरकार में मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अर्जुन बामनिया, विधायक गणेश घोघरा समेत कई नेता, ज़िलाध्यक्ष, प्रभारी राहुल गांधी और सीएम गहलोत की जनसभा को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।

आदिवासी बाहुल्य इलाकों पर ध्यान

राहुल गांधी का बांसवाड़ा से बेणेश्वर धाम का यह दौरा कोई अचानक नहीं बना है, बल्कि यह कांग्रेस की जीत की रणनीति का एक बड़ा हिस्सा है। क्योंकि आदिवासी बाहुल्य 4 जिलों की 19 विधानसभा सीटों में से 16 सीटें अनुसूचित जन जाति यानी एसटी के लिए रिजर्व हैं। राजस्थान में एसटी रिजर्व कुल 25 सीटें हैं, उनमें से 16 सीटें केवल इन 4 जिलों में हैं। जो दक्षिणी राजस्थान के वागड़ में आते हैं। शायद यही वह कारण था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी मानगढ़ धाम में ही पिछले दिनों बीजेपी ने जनसभा करवाई थी।

ज्यादा सीट लाने की कोशिश

मानगढ़ से लगते आदिवासी बाहुल्य 4 ज़िलों में 19 सीटों पर 9 विधायक बीजेपी के हैं। जबकि 7 कांग्रेस, 2 बीटीपी, 1 निर्दलीय विधायक जीतकर आए। क्योंकि मौजूदा वक्त में यहां बीजेपी मजबूत स्थिति में है और कांग्रेस का परंपरागत आदिवासी वोट बैंक पिछले दिनों पार्टी से छिटककर बीजेपी के पाले में गया है और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) में भी गया है। इसलिए उस वोट बैंक को वापस कांग्रेस के पक्ष में साधने के लिए आदिवासी बाहुल्य सीटों पर कांग्रेस पार्टी फोकस करके चल रही है।

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