जयपुर। हवा महल भारत में राजस्थान राज्य के 200 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है और जयपुर लोकसभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। यह राजस्थान के जयपुर जिले और मध्य क्षेत्र में आता है। इसे शहरी सीट की श्रेणी में रखा गया है. हवामहल विधानसभा सीट को मुस्लिम बाहुल्य सीट माना जाता है. यहां पर तकरीबन 90 हजार से ज्यादा मुस्लिम मतदाता है. इस सीट पर आज तक कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं जीता है, लेकिन यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता रहते और व्यवसाय करते हैं. हवा महल भारत के जयपुर शहर में स्थित एक महल है।
हवा महल नाम कैसे पड़ा ?
इसका नाम हवा महल इसलिए रखा गया क्योंकि महल में महिलाओं के लिये ऊंची दीवारे बनी हुई है ताकि वे आसानी से महल के बाहर हो रहे उत्सवो का अवलोकन कर सके और उन्हें देख सके। यह महल लाल और गुलाबी बलुआ पत्थरो से बना हुआ है। यह महल सिटी पैलेस के किनारे पर ही बना हुआ है। इसका निर्माण 1799 में महराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था. हिन्दू भगवान कृष्णा के मुकुट के रूप में इसका डिजाइन करवाया गया था. इस पांच मंजिला इमारत के बाहर सामान अकार के शहद के छत्ते भी लगे हुए हैं और महल में 953 छोटी खिड़कियां भी है जिन्हें झरोखा कहा जाता है.
पहली बार यहां कब हुआ चुनाव ?
सबसे पहली बार हवामहल में चुनाव साल 1972 में हुआ था. जिसमे भारतीय जन संघ पार्टी ने जीत हासिल की थी. उन्हें कुल वोट 45.15 प्रतिशत मिला। वहीं IND को 19.96 प्रतिशत वोट मिला था इसी के साथ यह पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी.
1977 और 1980 का चुनाव
साल 1977 में जनता पार्टी की 88.37 प्रतिशत से जीत हुई थी. जनता पार्टी से भंवर लाल शर्मा उम्मीदवार रहे थे. वहीं दूसरे स्थान पर इंडियन कांग्रेस पार्टी रही थी. उन्हें कुल वोट 10.17% मिला था. इस पार्टी से रामेश्वर प्रशाद माहेश्वरी उम्मीदवार रहे थे. साल 1980 में चुनाव के नतीजों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी. बीजेपी को कुल वोट 65.13% मिला था. बीजेपी से भंवर लाल उम्मीदवार रहे थे.
साल 1985 और 1990 का चुनाव
साल 1985 में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी. बीजेपी से उम्मीदवार रहे भंवर लाल को 52.13% मिले थे. वहीं दूसरे स्थान पर इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी रही थी. इस पार्टी से दिनेश चंद्र स्वामी उम्मीदवार रहे थें. उन्हें कुल वोट 46.68% मिला था. साल 1990 में भी बीजेपी की जीत हुई थी. बीजेपी से उम्मीदवार रहे भंवर लाल को 69.07% वोट मिला था.
साल 1993 और 1998 का चुनाव
1993 में एक बार फिर बीजेपी की ही जीत हुई. बीजेपी से भंवर लाल उम्मीदवार रहे. उन्हें कुल वोट 70.19% मिला था. 1998 में पिछली बार की तरह बीजेपी से भंवर लाल ही उम्मीदवार रहे और उन्होंने 48.69%से जीत दर्ज कराई थी.
साल 2003 और 2008 का चुनाव
साल 2003 में बीजेपी से उम्मीदवार रहे सुरेंद्र पाठक ने 63.99% वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की थी. वहीं 2008 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की जीत हुई थी. इस पार्टी से बृज किशोर शर्मा उम्मीदवार रहे थे उन्हें कुल वोट 41.2% मिला था.
साल 2013 और 2018 का चुनाव
साल 2013 में बीजेपी से उम्मीदवार रहे सुरेंद्र पाठक की 48.89% से जीत हुई थी. वहीं साल 2018 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से उम्मीदवार रहे महेश जोशी की जीत हुई थी. उन्हें कुल वोट 50.38% प्राप्त हुए थे,
आगामी चुनाव परिणाम ?
अभी तक के चुनावी इतिहास से ये पता चलता है कि 7 बार बीजेपी ने बाजी मारी है और दो बार INC ने तो वहीं 1 बार जेएनपी ने. कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर सत्ता पर काबिज़ हो सकती है पर यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।