जयपुर। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24-परगना जिले के मिनखान की एक लड़की तस्करी की शिकार होने के लगभग 16 साल बाद अपले परिवार जनों से मिल पाई है. अब वह 27 साल की हो चुकी है और अपने पति तथा तीन बच्चों के साथ राजस्थान में रहती है।
राजस्थान में मिली तस्करी की शिकार हुई लड़की
लड़की एचएएम रेडियो के उत्साही लोगों के प्रयासों की बदौलत अपने परिवार से मिल पाई है. उसके पति ने पुलिस को बताया कि कई साल पहले उसे लड़की पर दया आ गई और वह उसे अपने घर ले आया और काफी समय बाद उससे शादी की। पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब (डब्ल्यूबीआरसी) के सचिव अंबरीश नाग विश्वास ने कहा, बुधवार को हमें दिल्ली में एक लड़की के बारे में जानकारी मिली जो अपने अम्मी और अब्बू से मिलना चाहती थी। जब हमने उसे फोन किया, तो वह रो रही थी।
डब्ल्यूबीआरसी के सचिव ने दी जानकारी
उन्होंने आगे कहा कि वह अपने माता-पिता के बारे में केवल इतना ही बता सकी कि वे पश्चिम बंगाल में रहते थे। ‘जब उससे स्थान के बारे में पूछा गया, तो उसने इमली के पेड़ के साथ एक चौराहे का उल्लेख किया जहां उसके अब्बू अच्छी तरह से जाने जाते थे। इस दौरान वह यही कहती रही कि वह अब दिल्ली की रहने वाली है। बहुत कोशिशों के बाद बच्ची का आधार कार्ड मिल सका. बहुत आश्चर्य की बात है कि आधार कार्ड पर तस्वीर तो उसकी थी, लेकिन नाम एक हिंदू महिला का था।” आधार कार्ड पर पता भी राजस्थान के एक कस्बे का था। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार मिनाखान में लड़की के परिवार का पता चल गया।
क्या थी पूरी कहानी ?
उसके माता-पिता ने बताया कि जब वह 11 साल की थी तब वह लापता हो गई थी। वे उसके तलाश के लिए दिल्ली भी गए मगर कोई फायदा नहीं हो सका. आखिरकार उन्हें यह मानना पड़ा कि अब वह नहीं रही. जानकारी के अनुसार एक करीबी रिश्तेदार ने अच्छी जिंदगी का झांसा देकर उसकी तस्करी कर दिल्ली ले आया था.
वीडियो कॉल के जरिए मां से मिलाया
डब्ल्यूबीआरसी ने वीडियो कॉल के जरिए लड़की को उसकी मां से मिलाया और जब इस बात की पुष्टि हुई कि पहचान मेल खाती है तो राजस्थान में अधिकारीयों से संपर्क साधा गया.
बुधवार शाम को पति से हुई पूछताछ
बुधवार शाम को जब लड़की का पति काम से लौटा तो राजस्थान पुलिस के जवानों ने उससे पूछताछ की. इसपर पति से कहा कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. पति ने बताया कि कई साल पहले राजस्थान में अपने घर वापस जाते समय मैंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लड़की को देखा। वह रो रही थी और अपने परिवार के बारे में कुछ नहीं बता पा रही थी। मदद करने वाला कोई नहीं था। यहां तक कि पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने भी जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। मुझे एहसास हुआ कि वह इतने बड़े रेलवे स्टेशन पर गंभीर खतरे में थी और मैंने उसे अपने साथ घर लाने का फैसला किया। मेरी मां उस समय जीवित थी मगर मेरा उस लड़की से शादी करने का कोई इरादा नहीं था। वह अपने माता-पिता के लिए रोटी रही लेकिन मै उसके परिवार का लगाने के लिए कुछ नहीं कर सका.
लड़की से की शादी
लड़की के पति ने बताया कि उसके कई साल बाद मेरी मां का निधन हो गया और यह उनकी आखिरी इच्छा थी कि मैं उस लड़की से शादी करूं। वहीं लड़की ने अपने पति का समर्थन किया और पुलिस को यह भी बताया कि वह एक अच्छा आदमी है और उससे अच्छा व्यवहार करता है.