Monday, September 16, 2024

Rajasthan: प्लास्टिक का नतीजा पर्यावरण हो रहा अशुद्ध … सरकार ने सख्त किए नियम तो थैलियों की हुई तस्करी

जयपुर। आज विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस है. ऐसे में जयपुर स्थित हिंगोनिया गौशाला से एक हैरान करने वाली ख़बर सामने आई है, जहां हर महीने दर्जनों गायों की मौत हो रही है। गायों की मरने का कारण उनके पेट से बड़ी मात्रा में पॉलीथिन का निकलना बतया जा रहा है।

राज्यों में पॉलीथिन तस्करी कहां से?

राज्य में 38 पॉलीथिन फैक्ट्रियां को बंद कर दी गई, फिर भी गायों की मृत्यु दर कम नहीं हो रही है. जानकारी के मुताबिक ख़बर मिली है कि क्षेत्र में अब तस्करी के जरिए पॉलीथिन आ रही है. आज विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस के मौके पर यह ख़बर बहुत डरा रही है. आपको बता दें कि पर्यावरण के लिए सबसे हानिकारक कुछ है तो वह “पॉलीथिन” ही है। यह बातें छोटे-छोटे बच्चों से लेकर सभी युवा तक को पता है, लेकिन क्या उसके बाद भी पॉलीथिन का उपयोग जारी है। राज्य में पिछले कई सालो में निगमों और निकायों के द्वारा करीब लाखों किलो से भी ज्यादा पॉलीथिन को जब्त किया जा चुका है। इस वर्ष इसकी संख्या में और अधिक उछाल देखने को मिला है. किन्तु इस औसतन को देखते हुए भी पॉलीथिन का प्रयोग जारी है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियत्रंण मंडल से ख़बर मिली है कि राज्य में कई पॉलीथिन बनाने वाली कंपनी को बंद कर दिया गया है. वहीं उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में राज्य सरकार ने 38 फैक्ट्रियों को और बंद करबाया है और वहीं कुछ कंपनी को तो पूरी तरह से सील करवा दिया गया है। लेकिन राज्य में अभी भी पॉलीथिन की तस्करी जारी है। वहीं विभाग के अफसरों द्वारा ख़बर मिली है कि यूपी, बिहार, पंजाब, एमपी और आसपास के कई राज्यों से अवैध तरीके से राज्य में पॉलीथिन की सप्लाई जारी है.

पॉलीथिन से कई गुना ज्यादा नुकसान…

पॉलीथिन एक ऐसी चीज है जो जलती नहीं है, अगर मिट्टी में दब जाती है तो कई वर्षो तक वैसे के वैसे ही रहती है. यह बात सभी लोगों को पता है फिर भी लोग पॉलीथिन का इस्तेमाल करना नहीं छोड़ रहे है. पर्यावरण के संरक्षण में हमारी भूमिका अहम होती है. किन्तु यह ख़बर से बात साफ है कि हमलोग पर्यावरण के विनाश का जिम्मेदार खुद है. पॉलीथिन के इस्तेमाल से एक नहीं कई नुकसान हो रहे हैं। बता दें कि पहला नुकसान पर्यावरण है, जो हमेशा के लिए विनाश का कारण बन चुका है. और दूसरा कारण बहुत गंभीर है जो पहले से भी बड़ा मुद्दा बना हुआ है, जिसमे हर वर्ष हजारों गायों की मौत का कारण पॉलीथिन खाने से बताई जाती है। वहीं एक डेटा के माध्यम से बता दें कि साल 2012 की पशु गणना और साल 2019 की पशु गणना की रिजल्ट देखे तो इसमें एक लाख 29 हजार 500 से भी ज्यादा गायें कम हो गई है। गायों का कम होने का कारण पॉलीथिन खाना से बतया जा रहा है।

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