जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने को है. ऐसे में राज्य में रोज कोई न कोई पार्टी के तरफ से अलग-अलग रणनीति चलाई जा रही है. आपको बता दें कि पिछले माह महिला आरक्षण बिल को दोनों सदन से पास कर दिया गया था. महिला आरक्षण को “नारी शक्ति वंदन” का नाम दिया गया है. ऐसे में बता दें कि देश के तीन राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। इस चुनावी माहौल के बीच रोज सभी पार्टी द्वारा एक से बढ़ कर एक वादा किया जा रहा है. ऐसे में राजस्थान की महिलाओं का एक मांग तेज हो रहा है. महिलाओं ने कहा कि इस चुनाव में ‘नारी शक्ति वंदन’ को लागू किया जाए.
नारी शक्ति वंदन मांग की ये वजह
आपको बता दें कि महिला आरक्षण बिल को इस साल के विशेष सत्र में दोनों सदनों से पूरी बहुमत के साथ पास किया गया था. ऐसे में इसे नारी शक्ति वंदन का नाम दिया गया है. आपको बता दें की प्रदेश के चुनावी दौर में तरह-तरह की मांगो को सरकार और विपक्षी पार्टी के समक्ष रखा जा रहा है. ऐसे में राजस्थान से एक ख़बर सामने आ रही है जिसमें प्रदेश की महिलाओं का मांग है की इस चुनाव से ही नारी शक्ति वंदन का श्री गणेश किया जाए. आपको बता दें कि वर्तमान में राजस्थान के पाली जिले के मारवाड़-गोडवाड़ की 14 सीटों का नेतृत्व एक महिला विधायक कर रही है। वहीं जानकारी के लिए बता दें कि कुछ विधानसभा के ऐसे क्षेत्र है जहां आज तक किसी महिला द्वारा प्रतिनिधित्व नहीं किया गया है. उन क्षेत्रों में शामिल जैतारण, बाली, मारवाड़ जंक्शन, रेवदर, भीनमाल, रानीवाड़ा और सांचौर हैं। जहां से आज तक कोई महिला विधायक का कमान नहीं संभाली।
महिलाओं द्वारा मांग
प्रदेश की महिलायें लगातार राजनीतिक दलों पर दबाव बना रही है. महिलाओं की मांग है कि जिन विधानसभा क्षेत्रों को आजतक महिलाओं की प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया है, उस सभी क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के तरफ से महिलाओं को टिकट मिलनी चाहिए। महिलाएं इस बार चुनाव में मजबूती के साथ अपना हक़ मांग रही है और इसका शुरुआत नारी शक्ति वंदन से करना चाहती है.
महिला विधायक का अबतक का लिस्ट
बीजेपी से –
सोजत से शोभा चौहान 2018 में
सोजत से संजना आगरी 2008 और 2013 में
पाली से पुष्पा जैन 1985 और 1990 में
सिरोही से तारा भंडारी 1990 और 1993 में
जालोर से अमृता मेघवाल 2013 में
कांग्रेस से –
सुमेरपुर से बीना काक1985, 1993, 1998 और 2008 में
आहोर से समुन्द्रकंवर 1972 और 1980 में
पिण्डवाड़ा से गंगाबेन 2008 में