जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने को है ऐसे में लगातार लोगों की निगाहें प्रदेश में भाजपा और अन्य पार्टी के उम्मीदवारों की लिस्ट पर टिकी हुई हैं. वहीं पार्टियों के तरफ से लिस्ट जारी करने में लगातार देरी हो रही है. आपको बता दें कि भाजपा के उम्मीदवारों की सूची जारी करने में कई कारण सामने आ रहे हैं, वहीं तमाम सूत्रों के जरिए बताया गया है कि विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों का चेहरा को लेकर भाजपा के तमाम नेताओं के बीच आपसी रंजिश चल रही है. इस कारण उम्मीदवारों की सूची जारी करने में देरी हो रही है. इस कारण राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष को मंगलवार को जयपुर के दौरे पर भेजा गया.
जयपुर जाने के पीछे ये राज
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष मंगलवार को जयपुर के दौरे पर थे. जयपुर में कोर कमेटी की बैठक प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमे मंत्री बी.एल शामिल हुए। बैठक में दिल्ली से भेजे गए फार्मूले तु के अनुसार पहली लिस्ट में शामिल सीट और उम्मीदवारों के नाम पर मंथन हुआ. वहीं नेताओं के बीच आपसी सहमति बनाने के लिए निर्देश भी दिया गया। आपको बता दें कि सूत्रों के हवाले से ख़बर मिली है पहली लिस्ट में कुछ सीटों को छोड़कर सहमति बन गई है। अब हाईकमान के पास सिर्फ एक लिस्ट ही जाएगी। आपको बता दें कि आज(बुधवार) राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा जयपुर के दौरे पर आएंगे उस दौरान उन्हें भी मंगलवार को हुई कोर कमेटी बैठक का परिणाम सौंपा जाएगा। हालंकि यह बैठक प्रत्याशियों की पहली लिस्ट के लिए बेहद खास बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बता दें कि उम्मीदवारों की लिस्ट जो तैयार की जा रही है, उसमें संघ की भूमिका अहम रूप से होगी। आपको बता दें कि अभी 65 में से 40-45 सीट की ही लिस्ट तैयार की जाएगी। भाजपा कार्यालय में यह बैठक होनी थी, किन्तु ऐनमौके पर वैशाली नगर इलाके में शिफ्ट की गई।
आलाकमान की नाराजगी का कारण
बीते कुछ दिन पहले राजधानी दिल्ली में केन्द्रीय चुनाव समिति की हुई बैठक हुई थी। बैठक में प्रदेश के कई दिग्गज नेता मौजूद थे, उस दौरान उन्होंने अलग-अलग सूची सौंपी, लिस्ट से स्पष्ट हो गया था कि प्रदेश में नेताओं के बीच आपसी रंजिश चालु है, बैठक के दौरान कई नेताओं ने ज्यादा तर सीट पर ‘अपनों’ के नाम लिख दिए. जो आलाकमान की सूची में अंकित नाम से मैच नहीं हुए। इससे साफ़-साफ़ स्पष्ट हो गया कि नेता एकजुट होकर प्रत्याशी पैनल सूची तैयार नहीं कर पाई.
दिग्गज नेता बनेंगे रणनीतिकार
आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी हाईकमान ने इशारा कर दिया है कि इस बार के चुनाव में बड़े नेता उम्मीदवार के तौर पर राज्य में नहीं उतरेंगे। बड़े नेताओं को जिम्मा दिया गया है कि चुनाव लड़ने की बजाय रणनीतिकार की भूमिका को निभाएंगे। वहीं आपको बता दें कि ऐसे में कुछ नेताओं की सांस अटक रही है, तो कहा जा रहा है कि पार्टी के कुछ सांसदों और वरिष्ठ नेता को चुनाव में रणनीतिकार बनाया जा सकता है.