जयपुर। राजस्थान में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. प्रदेशभर में 25 नवंबर को वोटिंग होगा। ऐसे में चुनावी परिणाम 3 दिसंबर को जारी किया जाएगा। इस साल राजस्थान का चुनाव काफी दिलचस्प है। बता दें कि इस चुनावी संग्राम में भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के बीच लगातार जुबानी जंग भी जारी है। सभी राजनीतिक पार्टी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतर चुकी है। इस चुनावी माहौल के बीच जिला चंबल की धरा पर सियासी संग्राम भी बढ़ने लगी है। सभी पार्टी चुनावी मैदान में ताल ठोकने की तैयारी में जुटी हुई है। वहीं आज कांग्रेस ईआरपीसी मुद्दे पर हाड़ौती अंचल को लेकर विपक्ष को घेरने की तैयारी में जुटी है।
बारां में कांग्रेस की बड़ी सभा
बता दें कि आज (सोमवार) को कांग्रेस ईआरपीसी मुद्दे पर हाड़ौती अंचल को लेकर विपक्ष को घेरने की तैयारी में एक बड़ी सभा करने जा रही है। वहीं इस सभा में पार्टी अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे भी मौजूद होंगे। बताया जा रहा है कि इस सभा में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी मौजूद होंगे।
चुनावी सभा का असर
बताया जा रहा है कि बारां -अटरू सीट से चुनावी आगाज के कई राजनीतिक मायने भी है। जहां अनुसूचित जाती के लिए आरक्षण इस सीट से ही मिलते आ रहा है। बता दें कि कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ इस सीट को लेकर दलित,आदिवासी और किसान को साधने की प्रयाश में जुटी है। बात करें अगर बारां सीट की तो इस सीट का पूरा असर हाड़ौती यानि कोटा की 17 विधानसभा सीटों पर पड़ने वाला है।
पहला बांध कोटा में
बता दें कि हाड़ौती के चारों जिले कृषि प्रधान के लिए जाना जाता है। इसे नदियों का संभाग भी कहा जाता है। यहां कई नदियां मध्यप्रदेश से बहकर चंबल नदी में मिलती हैं। यहां खेती की पर्याप्त सुविधा होने के वजह से कई खाद्यान्न को उपजाया जाता हैं। बता दें कि अभी तक राजस्थान के 13 जिलों में खेती और पेयजल के लिए अपेक्षित पूर्वी राजस्थान में नहर परियोजना लागू नहीं होने के कारण राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साधती है। वहीं इस परियोजना का पहला बांध नौनेरा में बनाया जा रहा है।
हाड़ौती का चुनावी मंत्र
शुरू से हाड़ौती को भाजपा का गढ़ माना जाता है। बता दें कि वर्तमान में इस क्षेत्र की कुल 17 सीटों में से 10 पर भाजपा का कब्ज़ा है और बाकी 7 सीटों पर कांग्रेस। वहीं 17 सीटों में से 4 सीटें पर अनुसूचित जाति और 1 सीट पर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया हुआ है।