जयपुर। सिक्किम में 4 अक्टूबर को बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आई। इस घटना में 10 लोगों की मौत और 80 से ज्यादा लोग लापता हो गए। बादल फटने से सेना के करीब 23 जवान और 40 गाड़ियां लापता हो गई थी। इन 23 जवानों में एक जवान किशनगढ़ के हनुमान जाट भी शामिल थे। बता दें कि रूपनगर के अमरपुरा की पंवरों की ढाणी निवास हनुमान जाट भारतीय सेना की 320 HD हॉस्पिटल आर्मी मेडिकल कॉर्प्स में सिपाही के पद पर तैनात थे।
सिक्किम में शहीद हुए
हनुमान जाट देश की सेवा कार्य के दौरान सिक्किम में शहीद हो गए। बता दें कि सोमवार को सिक्किम से उनके पार्थिव शरीर को लाया गया जिसे किशनगढ़ के मार्बल सिटी हॉस्पिटल में रखा गया है। सेना के मुख्य अधिकारी ने बताया है कि आज (मंगलवार) पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पंवरों की ढाणी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
सिपाही के पद पर कार्यरत थे
गांव के पंचायत समिति रामचंद्र थाकण ने बताया कि रूपनगढ़ की ग्राम पंचायत अमरपुरा की ढाणी निवासी हनुमान जाट भारतीय सेना में सिपाही के पद पर कार्यरत थे और उनकी पोस्टिंग सिक्किम में थी। बता दें कि 3 अक्टूबर को सिक्किम में बादल फटने के कारण भारतीय सेना के करीब 23 जवान और 40 गाड़ियां लापता हो गई थी। इन लापता जवानों में किशनगढ़ के जवान हनुमान जाट भी शामिल थे। इस दुखद आपदा में सिपाही हनुमान जाट शहीद हो गए और उनका पार्थिव शरीर 21 अक्टूबर को सर्च ऑपरेशन के दौरान मिला।
सिक्किम से जयपुर एयरपोर्ट पर लाया गया
बता दें कि शहीद हुए सिपाही हनुमान जाट की पार्थिव शरीर को पूरे सैनिक सम्मान के साथ सेना के हेलीकॉप्टर से सिक्किम से जयपुर एयरपोर्ट पर लाया गया है। हनुमान जाट के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस के जरिए शाम 6 बजे किशनगढ़ लाया गया, जहां उन्हें निजी अस्पताल में रखा गया है। ग्राम पंचायत समिति ने बताया कि पार्थिव शरीर को मंगलवार (आज) सुबह 8 बजे के आसपास उनके पैतृक गांव पंवारों की ढाणी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दिया जाएगा।