जयपुर। एशियाई पैरा गेम्स 2023 में भारत ने अब तक 111 मेडल जीते हैं। इनमें से राजस्थान की एक बेटी अनीता चौधरी ने रजत पदक जीत कर राजस्थान का नाम रोशन किया है। अनीता के पिता का नाम धन्नाराम खीचड़ हैं। वह भारतीय सेना में पूर्व सैनिक सूबेदार के पद पर कार्यरत थे। अनीता, झुंझुनू जिले के निवाई गांव की रहने वाली हैं। बता दें कि अनीता ने चीन में हुई एशियाई पैरालंपिक रोविंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। खास बात यह है कि इस प्रतियोगिता में हाथों से नाव चलानी पड़ती है। जानकारी के लिए बता दें कि अनीता के साथ इस प्रतियोगिता में भारतीय सेना के नारायण कोंगनापल्ले ने भी हिस्सा लिया था। वहीं नारायण ने 1 हजार 15 सौ और दो हजार मीटर प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर दूसरा स्थान ग्रहण किया है।
अनीता का सपना
अनीता बताती हैं कि उनका बचपन से सपना था ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत कर लाना। इस मौके पर अनीता ने बताया कि वह मास्टर डिग्री की पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रही हैं। बता दें कि एक पैर वाली अनीता चीन में जाकर एशियाई पैरा गेम्स में रजक पदक जीती है। इसके साथ वह राजस्थान के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन की हैं। अनीता का एक पैर होने के पीछे कारण बताया जा रहा है कि जब वह कॉलेज से घर जा रही थी उस समय सड़क दुर्घटना में उनकी एक पर डैमेज हो गई जिस कारण पैर को काटना पड़ा। यह बात आज से 10 साल पहले की बताई जा रही है। अनीता के एक पैर न होने के बावजूद भी वह कभी हिम्मत नहीं हारी और जीवन में आगे बढ़ने का हौसला को फीका नहीं पड़ने दिया। अंततः वह देश और राजस्थान के लिए चीन से मेडल जीतकर वापस आ गई हैं।
पीएम ने दी बधाई
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनीता के इस गौरवान्वित पल पर बधाई दी है। वहीं अनीता के पिता भारतीय सेना से रिटायर्ड होने के बावजूद भी पुणे में डीएससी में सर्विस दे रहे हैं। अनीता की बड़ी बहन सरिता बैंक में कार्यरत है। छोटी बहन डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है। छोटा भाई भी आर्म्ड फोर्सज मेडिकल कॉलेज पुणे से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। अनीता की माताजी गृहिणी है। अनीता से जब पूछा गया कि आप अपने सफलता का श्रेय किसे देना चाहती हैं? तो इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं सफलता का पूरा श्रेय अपने माता और पिता साथ में दादी मां को देती हूँ।