Sunday, November 3, 2024

Rajasthan Election: देश की पहली लेजिस्लेटिव असेंबली यहां हुई थी गठित, ये बने थे पहले सभापति

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव अगले महीने होने जा रहा है। ऐसे में हम आपको देश की आजादी के बाद लोकसभा और विधानसभा की कुछ चुनावी तथ्यों के बारे में बताते हैं। आजादी के बाद भले ही देश में लोकसभा और विधानसभाओं के माध्यम से आम लोगों की बात को बारीकी के साथ रखने की व्यवस्था शुरू हुई है। लेकिन अगर बीकानेर जिले की बात कर तो बीकानेर में आज से 110 वर्ष पूर्व ही यह व्यवस्था शुरू हुई थी। देश की पहली विधानसभा असेंबली का गठन 1913 में बीकानेर रियासत में हुआ था। खास बात यह है कि उस दौरान इस सभा में कानून बनाने, बजट पेश करने पर चर्चाओं के साथ आम लोगों से जुड़े मुद्दे और सवाल-जवाब का भी अधिकार सभापति को प्राप्त था। उस दौरान महाराजा गंगा सिंह बीकानेर राज्य के महाराजा थे। उस वक्त बीकानेर के इस विधानसभा असेंबली के पहले सभापति के रूप में महाराजा गंगा सिंह को सभापति नियुक्त किया गया।

असेंबली की पहली बैठक

आजादी के बाद बीकानेर रियासत में विधानसभा असेंबली की पहली बैठक 10 नवंबर वर्ष 1913 में हुई थी। अगर आज की बीकानेर जिले की बात करें तो जहां आज शिक्षा निदेशालय है वहां पहले कभी विधानसभा असेंबली की बैठक हुआ करती थी।

पहली विधानसभा में 31 सदस्य

आजादी के बाद बीकानेर विधानसभा असेंबली में 31 सदस्य थे। बता दें कि डॉ. महेन्द्र खड़गावत बताते हैं कि महाराजा गंगा सिंह इस असेंबली के पहले सभापति माने जाते थे। मौके पर डॉ महेंद्र बताते हैं कि लेजिसलेटिव असेंबली के उप सभापति के तौर पर भैरव सिंह को नियुक्त किया गया था । वहीं लेजिसलेटिव असेंबली के 31 सदस्य में हरि सिंह महाजन, राव राजा जीवराज सिंह, ठाकुर विजय सिंह सांखू, शेख मोहम्मद इब्राहिम, सेठ रतन दास बागड़ी, ठाकुर सादुल सिंह जसाना आदि सदस्य का नाम शामिल था । इसके साथ ही उन्होंने बताया कि क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञ इस लेजिस्लेटिव असेंबली के सदस्यों के रूप में चुने जाते थे।

36 साल तक चली संचालन

डॉ. खड़गावत बताते हैं कि महाराजा गंगा सिंह ने अपने शासन के 25 वर्ष पूरे होने पर बहुत सारी घोषणाएं की थी। जिसमें लेजिसलेटिव ( विधानसभा) असेंबली की घोषणा भी शामिल थी। आपको बता दें कि वर्ष 1912 में 24 सितंबर को गंगा सिंह ने विधानसभा असेंबली की घोषणा की थी। इस मौके पर खड़गावत बताते हैं कि इस असेंबली का संचालन 3 दिसंबर 1946 तक हुआ। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लेजिस्लेटिव असेंबली में सदस्यों की बैठक और सेशन समय-समय पर होते रहते थे।

सवाल-जवाब का हक

आपको बता दें कि मौजूदा कल में जिस प्रकार से लोकसभा और विधानसभाओं में सदस्यों को सवाल करने और मंत्रियों की ओर से जवाब देने की व्यवस्था है ठीक उसी प्रकार राजस्थान के बीकानेर स्थित लेजिसलेटिव असेंबली में भी यह व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही खड़गावत बताते हैं कि उन्होंने अपनी पुस्तक लेजिसलेटिव असेंबली ऑफ बीकानेर स्टेट में बीकानेर विधानसभा असेंबली की अभिलेख को अलंकृत करते हुए बताया है।

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