जयपुर। देश भर में त्योहारों की धूम मची है। ऐसे में आज (शुक्रवार) पूरा देश धनतेरस मना रहा है। शुक्रवार से 125 वर्ष बाद दीपोत्सव पर्व की आरंभ पांच से अधिक महांसयोगों में होगी। इस अवसर पर लोग माता लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना करते है। धनतेरस पर लोग आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, प्रॉपर्टी, सोने-चांदी के सिक्के और बर्तन की खरीदारी करेंगे। प्रसिद्ध ज्योतिष पं.दामोदर प्रसाद शर्मा बताते है पर्व की महत्ता के लिए हस्त नक्षत्र, अमृत, प्रीति योग के साथ ही ग्रहों का विशेष महासंयोग खास होगा। दोपहर 12.36 बजे से लेकर शनिवार दोपहर 1.58 बजे तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। वहीं प्रदोष काल में यम के निमित्त दीप दान शाम 5.35 बजे बाद होगा।
धनतेरस शुक्रवार को मनाई जा रही
आपको बता दें कि ज्यार्तिविद पं.घनश्यामलाल स्वर्णकार के अनुसार दीपोत्सव पर्व प्रदोषकाल शाम 5.35 से रात 8.13 बजे के बीच में मनाने की पौराणिक परंपरा है। अत: शुक्रवार यानी आज धनतेरस मनाया जा रहा है। धनतेरस पर अबूझ मुहूर्त बनने से वाहन, बर्तन, चांदी के आभूषण समेत अन्य खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना गया है। धातु के बर्तन एवं सोने-चांदी आदि के आभूषण अपराह्न काल में खरीदना विशेष फलदायी रहेगा। आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरी की जयंती शनिवार को रहेगी। शनिवार को त्रयोदशी तिथि रहने से भी इस दिन खरीदारी कर सकते है।
यह भी जानें –
ऐसे रहेंगे चौघड़िये-
चर का – बर्तन, वाहन क्रय, प्रापर्टी – सुबह 6.46 से 8.08 बजे तक
अमृत का लाभ – इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन, स्वर्ण आभूषण- सुबह 8.08 से 10.50 बजे तक
शुभ का- कपडे, इलेक्ट्रॉनिक सामान, चांदी के सिक्के, स्वर्ण आभूषण, बर्तन- दोपहर 12.11 से दोपहर 1.32 बजे तक
चर का – बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, चांदी के सिक्के, स्वर्ण आभूषण,
बर्तन – शाम 4.14 से शाम 5.35 बजे तक
शाम 5.35 से रात 8.13 बजे तक प्रदोष काल
इस समय के बीच आप खरीदारी और दीपदान करते है तो श्रेष्ठ माना जाएगा
लाभ का -इलेक्ट्रॉनिक सामान, प्रॉपर्टी, चांदी के सिक्के, स्वर्ण आभूषण, बर्तन- शाम 8.53 बजे से रात 10.31 बजे तक
पूजन मुहूर्त –
धनतेरस का शुभ पूजन मुहूर्त शाम 5:47 से लेकर शाम 7:43 तक रहेगा। इसकी अवधि 1 घंटा 56 मिनट होगी।