जयपुर। देश भर में 12 नवंबर को धूमधाम से दिवाली मनाई गई। ऐसे में राजस्थान से एक बेहद दुखद ख़बर सामने आई है। बता दें कि दिवाली पर 13 लोगों की दुनिया में अंधेरा छा गया है। इसके पीछे का कारण है पटाखा, दिवाली पर पटाखों से 200 से अधिक लोग झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए प्रदेश के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल, ट्रोमा सेंटर, कांवटिया, जयपुरिया और गणगौरी सहित अन्य सरकारी और निजी हॉस्पिटल में भेजा गया। इन पीड़ित लोगों में ज्यादातर बच्चे शामिल है। बता दें कि अभी भी बर्न वार्ड, पॉलीट्रोमा वार्ड और आई वार्ड में इनमें से कई मरीज एडमिट है।
OPD में पटाखा से झुलसने वालों की संख्या 60
SMS अस्पताल नेत्ररोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज शर्मा ने इस संबंध में बताया है कि OPD में पिछले दो दिन में पटाखों से झुलसने वाले की संख्या 60 थी। प्राथमिक उपचार करने के बाद इनलोगों को घर भेज दिया गया। इस कड़ी में उन्होंने बताया कि 10 बच्चों सहित 13 लोग गंभीर रूप से झुलसे हुए आए थे। दिवाली पर पटाखे जलाते दौरान की गई लापरवाही से आंखों में बारूद घुसा और उन्हें उस समय से देखने में दिक्क्त होना शुरू हो गया।
12 मरीजोंं को गंवानी पड़ी आंख की रोशनी
इन मरीजों की आंखों की सर्जरी की गई। बता दें कि जिसमें एक-एक आंख की रोशनी 12 मरीजोंं को गंवानी पड़ी। 12 मरीजोंं में 10 बच्चे शामिल है। वहीं 15 साल का एक युवक अमित की दोनों आंखों की रोशनी चली गई क्योंकि आंख में बारूद चला गया था। इसलिए डॉक्टर सर्जरी के बाद भी अमित की आंखों की रोशनी लौटाने में सफल नहीं हो पाए।
इलाज के बाद मिली मरीजों को छुट्टी
डॉक्टर के मुताबिक बताया गया है कि इमरजेंसी में दिवाली के दोनों दिन कुल 67 मरीज पटाखों से घायल होकर हॉस्पिटल आए थे। ड्रेसिंग के बाद जिसमें से 56 मरीजों को छुट्टी दे गई थी लेकिन कुछ मरीजों का चेहरा, हाथ, पांव सहित अन्य अंग अधिक झुलसने केे वजह से उन्हें भर्ती किया गया।