जयपुर। राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 199 पर मतदान संपन्न हो गया है। प्रदेश में इस बार 75.45% फीसदी से अधिक वोटिंग हुई। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के रिजल्ट आने में अभी पांच दिन बाकी है। इस दंगल को कौन जीतेगा इसको लेकर चर्चा तेज है। वहीं चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने गुर्जर वोटरों को साधने के लिए पूरी ताकत लगा दी।
कांग्रेस से नाराज
बता दें कि राजस्थान का सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, करौली, कोटा, भीलवाड़ा, बूंदी, झुंझुनू और अजमेर गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है। कहा जा रहा है कि गुर्जर समाज इस बात को लेकर नाराज है कि सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया गया। उन्होंने 2018 में कांग्रेस को ये सोचकर वोट दिया था कि सचिन पायलट को सीएम बनाया जायेगा लेकिन कमान अशोक गहलोत को सौंपी गई। जिसके बाद से ही गुर्जर कांग्रेस से नाराज बताये जा रहे हैं।
पीएम ने लगाया प्रचार में जोर
वहीं गुर्जर वोटरों को साधने के लिए पीएम मोदी ने प्रचार के दौरान बार-बार राजेश पायलट और सचिन पायलट का जिक्र किया। इसके अलावा गुर्जर समुदाय के आराध्य भगवान देवनारायण की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने भी पहुंचे। राजनीतिक सरगर्मी बढ़ते हुए देखकर पायलट आगे आये और उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मेरे बारे में चिंता न करें। जनता और मेरी पार्टी मेरे बारे में सोचेगी। साथ ही सीएम गहलोत भी गुर्जर वोटर्स को साधने के लिए जुट गए। उन्होंने भगवान देवनारायण की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया।
बीजेपी-कांग्रेस के अपने दावे
इस बार गुर्जर बाहुल्य प्रदेश की करीब 46 सीटों पर मतदान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कांग्रेस और बीजेपी दावा कर रही है कि मतदान बढ़ने से उन्हें फायदा हुआ है। पिछले चुनाव में 46 में से 32 सीटों पर कांग्रेस और उसके साथ आए विधायकों ने कब्ज़ा जमाया था। 2018 की तुलना में इस बार के विधानसभा चुनाव में 0.73 फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है। बता दें कि प्रदेश में कुल 5,25,48,105 वोटर हैं। इसमें से पुरुष वोटर 2,73,48,999 जबकि महिला वोटर्स की संख्या 2,51,98,492 है। अब सबकी नजर 3 दिसंबर को जारी होने वाले रिजल्ट पर टिकी हुई है।