Sunday, November 24, 2024

Mahatma Gandhi Death Anniversary: बापू ने अजमेर यात्रा में किया था सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा

जयपुर। आज 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि संपूर्ण देश में श्रद्धा से मनाई जा रही है। अजमेर से जुड़े कुछ प्रसंग महात्मा गांधी के ही अखबार नवजीवन में प्रकाशित किए गए थे। तो आइए जानते है महात्मा गांधी से जुड़े अजमेर यात्रा के कुछ प्रसंगों के अंश।

टैगोर से पहली मुलाकात शांतिनिकेतन में

शांतिनिकेतन में स्वालंबन प्रशिक्षण के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पहली मुलाकात 6 मार्च 1914 को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर से हुई थी। गांधी 8 मार्च को अजमेर आए। यहां अंग्रेजी कानून का बहिष्कार करने का आव्हान उन्होंने सार्वजनिक सभा में किया। इसे अंग्रेजो ने राजद्रोह माना और उनके गिरफ्तारी का वारंट 9 मार्च को जारी कर दिया गया । इस दौरान रेल मार्ग से अहमदाबाद के लिए बापू रवाना हो गए। वे 10 मार्च को गिरफ्तार हुए और ऐसे में उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज भी कर लिया गया।

आठ दिन तक चली सुनवाई

महज आठ दिन तक सुनवाई चली। उसके बाद उनको छः वर्ष के कठोर कारावास की सजा अदालत द्वारा सुनाई गई। 18 मार्च को इसके विरोध में राष्ट्र व्यापी बंद आयोजित कर काला दिवस सेलिब्रेट किया गया। बता दें कि गांधी जी के समाचार पत्र ‘हिन्दी नवजीवन’ की प्रति सुरक्षित रखने वाले अजमेर निवासी संग्रहकर्ता बीएल सामरा ने बताया कि यह जानकारी समाचार पत्र में प्रकाशित विवरण पर आधारित है। इतिहास के जानकारों के अनुसार भारत में आने से पूर्व वायसराय लॉर्ड रिंडिंग ब्रिटेन के न्याय मंत्री रह चुके थे। उनके कार्यकाल में सबसे मुख्य व चर्चित मुकदमा महात्मा गांधी से संबंधित रहा। जिस मुकदमा में बापू को सजा भी सुनाई गई थी।

बापू ने अजमेर में दिया था भाषण

8 और 9 मार्च वर्ष 1921 में अजमेर की सभा में बापू ने अपने भाषण के अंश को अदालत में दुहरा कर पुष्टि की एवं ऐसे में वे अदालत में बिल्कुल भी विचलित नहीं हुए। 6 वर्ष के कारावास की सजा उनके राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले को भी सुनाई गई थी। सजा सुनकर बापू ने कहा था कि जज साहब ! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरे गुरु के समकक्ष मुझे खड़ा कर दिया। बता दें कि उस दौरान वहां पत्रकार नरहरि चिंतामणि देशमुख उपस्थित थे, जिन्होंने इस घटना को स्वयं रिकॉर्ड किया और बाद में इसे गांधीजी के अखबार में प्रकाशित किया गया। इसमें अपना आसन ग्रहण करने से पूर्व गांधीजी को संबोधित करते हुए अंग्रेज न्यायधीश जस्टिस ब्रूमफील्ड ने अपना सिर झुका कर कहा ‘आई सैल्यूट मिस्टर गांधी यू हैव डन योर ड्यूटी टुवर्ड्स योर नेशन’ “एंड नाउ आई एम गोइंग टू डू माय ड्यूटी टुवर्ड्स माय गवर्नमेंट” । इसके बाद 6 वर्ष के कारावास की सजा उन्होंने गांधी जी को सुना दी।

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