जयपुर। केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की है. यह घोषणा 9 फरवरी दिन शुक्रवार को की गई। घोषणा में चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का एलान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट ”एक्स” पर इसकी जानकारी दी है.
जानें कौन है चौधरी चरण सिंह ?
शुक्रवार को भारत सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के एलान किया है। तो ऐसे में आइए जानते है कौन है ये जिन्हें मिलेगा भारत रत्न। चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को एक किसान परिवार में हुआ था। वे भारत के किसान राजनेता के तौर पर रहे और देश के पांचवे प्रधानमंत्री भी बने थे। उनके PM पद
की अवधि 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक रहा। इनकी सम्पूर्ण जिंदगी सादगी और भारतीयता में व्यतीत हुआ। बता दें कि चौधरी चरण सिंह की पहचान एक किसान नेता के रूप में थी।
जानें विस्तार से चौधरी चरण सिंह की जीवन
चौधरी चरण सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। उन्होंने विज्ञान से स्नातक की और आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि 1925 में प्राप्त की। राजनीति की शुरुआत उन्होंने गाजियाबाद से की। 1929 में वे मेरठ आकर कांग्रेस में शामिल हुए। देश में कुछ ही राजनेता ऐसे हुए जो आमलोगों के बीच रहकर सरलता से अपना कार्य करते हुए लोगों से लोकप्रियता हासिल की। चरण सिंह को किसानों के बीच रहने से आत्मविश्वास में काफी बल मिला।
साधारण जीवन किया व्यतीत
चौधरी चरण सिंह ने साधारण जीवन जिया है और सबसे अच्छी बात यह है कि वह अपने खाली समय को बेहर कार्य में उपयोग करते थे। खाली समय में वे पढ़ने और लिखने के शौकीन थे। उन्होंने अपने जीवन काल में कई किताबें एवं रूचार-पुस्तिकाएं लिखी जिसमें ‘जमींदारी उन्मूलन’, ‘भारत की गरीबी और उसका समाधान’, ‘किसानों की भूसंपत्ति या किसानों के लिए भूमि, ‘प्रिवेंशन ऑ डिवीन ऑ होल्डिंग्स बिलो ए सर्टेन मिनिमम’, ‘को-ऑपरेटिव फार्मिंग एक्स-रेड’ आदि फेमस है।
एमएस स्वामीनाथन कौन थे?
एमएस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त 1925 को हुआ था। वह एक कृषिविज्ञानी, कृषि वैज्ञानिक,प्लांट जेनेटिस्ट और एडिमिनिस्ट्रेटर थे. उन्हें भारत में ‘हरित क्रांति के जनक’ के रूप में भी लोग जानते है. उन्होंने देश और विदेश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों से 81 मानद डॉक्टरेट की उपाधियां प्राप्त की थीं.
इन चीजों में किया था रिसर्च
1949 में स्वामीनाथन ने आलू, गेहूं, चावल और जूट के जेनेटिक्स पर रिसर्च करके अपने करियर की शुरुआत की थी। बता दें कि उन्होंने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई जिससे भारत के कम आय वाले किसानों को अधिक उपज करने में सहायता मिले।
टाइम मैगजीन ने किया था ऑफर
विश्व स्तर पर विभिन्न कृषि और पर्यावरण पहलों में भी स्वामीनाथन ने योगदान दिया. उन्हें 20वीं सदी के 20 सबसे प्रभावशाली एशियाई लोगों में से टाइम मैगजीन ने उनका नाम नामित किया था. पिछले साल सितंबर में 98 साल की उम्र में एमएस स्वामीनाथन का निधन हो गया था.
कौन हैं नरसिम्हा राव?
पीवी नरसिम्हा राव भारत देश के नौवें प्रधानमंत्री बने थे। उनका जन्म 28 जून 1921 को आंध्र प्रदेश में हुआ था. उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 1991-1996 तक कार्य किया. भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत उनके द्वारा हुई और इसके साथ ही उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधार भी किए, जिनमें लाइसेंस राज का अंत, निजीकरण और वैश्वीकरण अन्य कार्य शामिल हैं. उनका निधन 23 दिसंबर 2004 को हुआ। अब केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न से नवाजने जा रही है।