जयपुर। राजस्थान विधानसभा में भाजपा सरकार ने कल यानी 8 फरवरी को सदन में बजट पेश किया। ऐसे में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। गहलोत ने आज अपने सोशल मीडिया अकाउंट “X” पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि कांग्रेस पार्टी की अधिकार आधारित राजनीति क्यों आवश्यक है, एक उदाहरण से समझिए।
आगे लिखा –
इसके बाद गहलोत ने आगे लिखा है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के 2008 से 2013 के कार्यकाल में हमने बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन शुरू की थी। 2013 में सरकार बदल गई। 5 साल में महंगाई बढ़ने के बावजूद भाजपा सरकार के 5 वर्षों में जरूरतमंदों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई। 2018 में सरकार में आते ही हमने सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाई। आगे कोई भी सरकार आए परन्तु जरूरतमंदों को तकलीफ ना हो इसलिए हमने राजस्थान मिनिमम इनकम गारंटीड एक्ट बनाया जिसमें न्यूनतम रोजगार के साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन में हर वर्ष 15% स्वत: बढ़ोत्तरी की व्यवस्था निश्चित की।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 15% की स्वत: बढ़ोत्तरी हुई
बजट पेश होने के बाद किए गए गहलोत के ट्वीट में यह भी लिखा गया है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन कभी भाजपा की प्राथमिकता में नहीं रही है परन्तु राजस्थान मिनिमम इनकम गारंटीड एक्ट के कारण कल राजस्थान विधानसभा में पेश किए गए लेखानुदान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 15% की स्वत: बढ़ोत्तरी हो गई है। कांग्रेस की अधिकार आधारित राजनीति की सोच से गरीबों और जरूरतमंदों को लाभ मिलता रहेगा।
राजस्थान देश का पहला राज्य…
बता दें कि 21 जुलाई 2023 को विधानसभा में राजस्थान मिनिमम इनकम गांरटीड एक्ट 2023 को ध्वनीमत से पारित किया गया था। शहरों व गांवों में 125 दिन के रोजगार की गारंटी इस एक्ट के तहत दी गई थी। इसके साथ ही वृद्ध, विशेष योग्यजन, विधवा व एकल महिला को प्रतिमाह एक हजार रुपए पेंशन का प्रावधान किया गया था। प्रतिवर्ष की स्वत: बढ़ोतरी का प्रावधान पेंशन में लागू किया गया था। राजस्थान देश का पहला राज्य सामाजिक सुरक्षा देने वाला बना।