जयपुर। राजस्थान से एक बड़ी ख़बर सामने आई है। बता दें कि शुक्रवार यानी 9 फरवरी को एसओजी टीम ने RPS सदस्य से 60 लाख रुपए में पेपर खरीदकर लाखों रुपए परीक्षार्थियों और अभ्यार्थियों को बेचने वाले आरोपी अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा को प्रोडक्शन वारंट से गिरफ्तार किया है। बता दें कि दोषी को न्यायालय ने पूछताछ के लिए 10 दिन के रिमांड पर रखा है। इस मामले में एक और दोषी भूपेन्द्र सारण को 16 फरवरी तक रिमांड पर रखा गया है।
एक निजी होटल से दबोचा गया
SOG के SP प्रकाश कुमार शर्मा ने आरोपी अनिल उर्फ शेरसिंह पुत्र गोपाल मीणा को अजमेर केन्द्रीय कारागृह से गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि 23 दिसम्बर 2022 को आरोपी को सुखेर थानाक्षेत्र में एक निजी होटल से दबोचा गया था। पकड़े जाने के दौरान उसके पास वरिष्ठ अध्यापक प्रतियोगी परीक्षा 2022 के 24 दिसम्बर 2022 के सामान्य ज्ञान एवं शैक्षिक मनोविज्ञान के विषय के आंसर प्रश्नपत्र था।
इन जगहों पर भी होगी जांच
इस मामले कि जांच होने पर जानकारी सामने आई कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सदस्य बाबूलाल कटारा ने अपने भांजे विजय कुमार डामोर के जरिए 60 लाख रुपए में आरोपी को पेपर दिलवाया था। अब आरोपी से पूछताछ कर प्रश्नपत्र से कितने रुपए प्राप्त हुए, उक्त राशि के बारे में जानकारी लेनी है। इसके साथ ही पूछताछ में यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि पेपर लीक मामले में उस समय अभियुक्त के साथ कौन-कौन से और आरोपी मिले थे, उनकी भी पूर्ण जानकारी ली जाएगी। बता दें कि आरोपी को अजमेर, जयपुर, सिरोही, डूंगरपुर, झुंझुंनू आदि जगह पर ले जाकर पूछताछ करनी है।
क्या है पेपर लीक मामला ?
राजस्थान पुलिस की तरफ से पेपर लीक मामले में FIR दर्ज किया गया था. ED के मुताबिक आरोप है कि कटारा ने पेपर लीक किया और इसे मीना को बेच दिया. जिसके बाद यह पेपर 8-10 लाख रुपये में कैंडिडेट को बेचे गए. इससे पहले 5 जून 2023 को ED ने 15 जगहों पर छापेमारी कर कई दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए थे।