जयपुर। देश के लिए इजराइल की सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी टावर का 8 अरब डॉलर यानी रुपए के हिसाब से 66 हजार करोड़ रुपए निवेश का प्रस्ताव दिया है। इससे माना जा रहा है कि सेमीकंडक्टर बनाने के क्षेत्र में बड़ी सफलता मिलेगी। अनुमान लगाया गया है कि राजस्थान की अहम भूमिका गैजेट्स की जान चिप के निर्माण में हो सकता है। राजस्थान में चिप निर्माण के लिए रॉ मैटेरियल क्वार्ट्ज मिनरल और सिलिका सैंड की उपलब्धता के वजह से निवेश में उम्मीद की किरणें दिख रहे हैं। हालांकि राज्य में मौजूदा काल में दाना बनाकर चीन को निर्यात किया जाता है।
2021 में हुआ था करोड़ो की स्कीम का एलान
केंद्र सरकार से साल 2021 में देश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 10 अरब डॉलर की स्कीम की घोषणा भी की थी। अगर बात अमेरिका की करें तो पिछले वर्ष यानी 2023 में अमेरिका की चिप मेकर कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने गुजरात में बड़ा निवेश भी किया था। बता दें कि यह कंपनी सेमीकंडक्टर की असेंबली बनाएगी और इसके साथ ही यह कंपनी टेस्ट फैसलिटी का भी निर्माण करेगी। जिसकी उम्मीद है कि 2024 के अंत तक यह अपना उत्पादन शुरू कर सकती है। ऐसे में राजस्थान ने इस सेक्टर में बाजी मार ली है।
राजस्थान ने मारी बाजी
देश में मेमोरी चिप का कमर्शियल प्रोडक्शन भिवाड़ी की सहस्र सेमीकंडक्टर्स ने शुरू किया है। ऐसे में माइक्रोन को पीछे सहस्र सेमीकंडक्टर्स ने छोड़ दिया, जिस कारण भारत की पहली चिप मैन्युफैक्चरिंग कंपनी यह बन गई है। बताया गया है कि यह कंपनी जल्द ही अपना दूसरा फेज शुरू करने का प्लान कर रही है।
राजस्व के साथ रोजगार का अवसर
एमएसएमई कमेटी के चेयरमैन एनके जैन के मुताबिक बताया जा रहा है कि राजस्थान की अग्रणी भूमिका सेमीकंडक्टर चिप बनाने में हो सकती है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि सेमी कंडक्टर मेकिंग का प्लांट राजस्थान में लगवाने का प्रयास राज्य सरकार करें, क्योंकि सेमीकंडक्टर चिप बनने से यहां क्वार्ट्ज और सिलिका सेंड की वैल्यू अधिक बढ़ जाएगी। जिससें राजस्थान में राजस्व के इजाफा के साथ-साथ लाखों लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा।