Friday, November 22, 2024

Mahashivratri 2024: राजस्थान के छोटी काशी में महाशिवरात्रि का जश्न, जानें क्या होगा इस वर्ष खास

जयपुर। देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार आज यानी 8 मार्च को धूमधाम से मनाया जा रहा है। ऐसे में कहे जाने वाले राजस्थान के छोटी काशी यानी जयपुर के सभी भोलेनाथ के मंदिरों में तैयारी बेहद खूबसूरत ढंग से किया गया है।

सुबह से ही जलाभिषेक जारी

बता दें कि राजधानी जयपुर स्थित तारकेश्वर महादेव मंदिर, झारखंड महादेव मंदिर, जागेश्वर भूतेश्वर और रोजगार ईश्वर महादेव मंदिर समेत राजधानी के अन्य शिवालय में आज सुबह से ही जलाभिषेक के साथ दुग्ध अभिषेक जारी है। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर सभी शिवालय को लाइटिंग और सजावट से आकर्षक बनाया गया है।

आज मंदिरों में होगी 4 पहर की पूजा

महाशिवरात्रि को शिव और शक्ति की आराधना का महापर्व कहा जाता है। ऐसे में यह पर्व आज यानी 8 मार्च को पूरे उत्साह के साथ भक्ति पूर्वक मनाया जा रहा है। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है बता दें कि तारकेश्वर महादेव मंदिर के महंत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मंदिर में चार पहर की पूजा के साथ कई अनुष्ठान होंगे।

जानें कितने बजे से होगी विशेष पूजा

आज सुबह 4:00 से मंदिर के पट खोल दिए गए हैं और पट खुलते ही भक्ति की पूजा अर्चना शुरू हो गई है। इस तरह से पूरे दिन मंदिर के पट खुले रहेंगे। ऐसे में सभी भक्तों को भगवान भोलेनाथ के दर्शन होंगे और रात्रि के समय विशेष रूप से भगवान भोलेनाथ की चार पहर की पूजा की जाएगी।

आज शाम 6:30 से लेकर 9:30 तक भगवान भोलेनाथ के प्रथम पहर की पूजा होगी। इसके बाद 9:30 से 12:30 तक भोलेनाथ कि दूसरे पहर की पूजा की जाएगी। तीसरी पहर की पूजा 12:30 से 3:30 तक होगी, 3:30 से लेकर सूर्योदय तक चौथ पहर की पूजा की जाएगी। माना जाता है कि जो व्यक्ति पूरे साल भर भगवान भोलेनाथ की पूजा नहीं करता है अगर वह महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की पूजा करें तो उसे पूरे साल भर की पूजा का फल मिलता है।

इसे जरुर चढ़ाएं

महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को धतूरा, बेलपत्र, आंकड़े की माला, सफेद फूल, भांग, दूध, शहद, गंगाजल, मौसमी फल, बेर समेत अन्य चीज भी भगवान भोलेनाथ को समर्पित करें, ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ अति प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त को ढ़ेर सारा आशीर्वाद भी देते हैं।

आज रुद्राभिषेक का विशेष महत्व

महाशिवरात्रि पर शिव जी और मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए दूध, दही, शहद, शक्कर आदि से पूजा का आरंभ करें। इस दिन पर भोलेनाथ को जलाभिषेक करने का एक अलग ही परंपरा है। इस शुभ अवसर पर रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। इस पवित्र अवसर पर राजस्थान के सभी मंदिरों में विशेष सजावट की गई है। ऐसे में शिव भक्त को महाशिवरात्रि पर्व का इंतजार हमेशा लगा रहता है।

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