Monday, September 16, 2024

Rajasthan News: कोटा करंट हादसे पर सामने आया बड़ा अपडेट, CM भजनलाल ने प्रशासन को दिए ये निर्देश

जयपुर। शुक्रवार 8 मार्च यानी महाशिवरात्रि के मौके पर प्रदेश के कोटा शहर में शिव बारात के दौरान करीब 15 से ज्यादा बच्चें हाईटेंशन बिजली के तार की चपेट में आ गए । जिस कारण सभी बच्चें गंभीर रूप से झुलस गए। मामले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए दुख व्यक्त किया है । उनका इलाज कोटा के एमबीएस अस्पताल में किया गया लेकिन हालत बिगड़ने पर देर रात उन्हें जयपुर शिफ्ट कर दिया गया ।

CM शर्मा ने ट्वीट कर दिया आश्वासन

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे पर दुख प्रकट करते हुए एक्स पर लिखा कि ’ कोटा में महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव बारात के दौरान हाई टेंशन लाइन की चपेट में आने से 18 नागरिकों के झुलसने का समाचार दुखद है । इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि प्रभु नीलकंठ से प्रार्थना है कि घायल नागरिकों को अति शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। ’ घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने प्रशासन को आदेश भी दिए हैं।

जानें पूरा मामला

हादसा कोटा के कुन्हाड़ी थर्मल चौराहे के पास कल यानी महाशिवरात्रि के दिन दोपहर 12:30 बजे के आसपास हुआ। महाशिवरात्रि पर शिव बारात में कई बच्चें धार्मिक झंडे लेकर पहुंचे थे। इस दौरान एक झंडा हाईटेंशन तार की चपेट में आया जिसके बाद साथ खरे सभी बच्चें हाईटेंशन बिजली की तार से झुलस गए। मौके पर चारों तरफ अफरातफरी मच गई। झुलसे हुए सभी बच्चें को निजी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया। हालांकि घायल बच्चों के परिजनों ने हॉस्पिटल जा कर आयोजकों की पिटाई कर दी।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहुंचे अस्पताल

आईजी रविदत्त गौड़ ने बताया कि एक बच्चा 70 फीसदी और दूसरा 50 फीसदी झुलस गया। बाकी बच्चे 10% जल गए। इन बच्चों की उम्र 9 से 16 साल के बीच बताई गई . घटना की जानकारी मिलते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है. ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच चल रही है. सभी लोग फिलहाल बच्चों के इलाज में लगे हुए हैं। गंभीर बच्चें को रेफर करने की जरूरत पड़ेगी तो वह भी किया जाएगा। बच्चों को हरसंभव सर्वश्रेष्ठ इलाज मुहैया कराया जाएगा।

हर वर्ष होता है शिव बारात का आयोजन

हर वर्ष कोटा के काली बस्ती में शिव बरात का आयोजन किया जाता है। इस बारात में ज्यादातर बच्चे हिस्सा लेने पहुंचते है। इस साल अधिकतर बच्चें अपने परिजनों के बिना ही आयोजन स्थल पहुंच गए थे। वहीं लोगों का कहना है कि आयोजकों की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।

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