Monday, September 16, 2024

Nav Samvatsar 2081: राजस्थान में विक्रम संवत नव वर्ष की मची धूम, इन जगहों पर जलाए गए दो लाख दिये

जयपुर: हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत आज 9 अप्रैल से हो गई है। ऐसे में राजस्थान के कोटा शहर में नूतन वर्ष के मौके पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां देश भर की सांस्कृतिक विरासत का दीदार करने को मिला। बता दें कि कोटा के किशोर सागर तालाब की पाल स्थित सेवन वंडर पार्क चिरंतन, पुरातन सनातन संस्कृति का गवाह बना.

सेवन वंडर पार्क में कार्यक्रम

विक्रम संवत नव वर्ष के मौके पर कोटा के सेवन वंडर पार्क ‘चिरंतन’ को पुरातन सनातन संस्कृति के तौर पर गवाह बनाया गया। ऐसे में यहां आयोजित भव्य कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में सनातनियों का भीड़ जुटा। अधिक संख्या में लोगों के पहुंचने से सेवन वंडर पार्क भगवामय बन गया।

तीन दिन से जारी था कार्यक्रम

बता दें कि इस वर्ष नवसंवत्सर 2081 और युगाब्द 5126 के स्वागत में प्रदेश भर में तीन दिवसीय विविध कार्यक्रम के आयोजन किए गए. इस कार्यक्रम को नवसंवत्सर समारोह आयोजन समिति के द्वारा की गई। इस कार्यक्रम में एक के बाद एक भव्य कार्यक्रमों की झलक दिखाई गई जिससे हर कोई का नजर ठहर सा गया।

नव वर्ष पूर्व संध्या पर दिखा भव्य दृश्य

नूतन वर्ष से एक दिन पहले लोग शाम को दीप सजाने के लिए सेवन वंडर पार्क में जुटे थे. इस दौरान महिला व पुरुष हिंदू नववर्ष के स्वागत में रंगोली बनाए. नववर्ष की पूर्वसंध्या कोटा शहर पूरा प्रकाशमय दिखा। इस मौके पर प्रचार प्रसार समिति के संयोजक ने बताया कि नव वर्ष के मौके पर सेवन वंडर पार्क के मुख्य मंच पर बैंड वादन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई. प्रतियोगिता में तरह-तरह के बैंड की मधुर स्वर सुनने को मिली। इस दौरान मंच पर महाभारत की कुछ सारांश को भी दिखया गया।

लोकल फॉर वोकल का दिखा दृश्य

नव वर्ष के स्वागत के लिए सेवन वंडर पार्क में आयोजित हुई कार्यक्रम के दौरान तरह-तरह के हस्तशिल्प और स्वयं सहायता द्वारा बनाई गई उत्पादों के लिए स्टॉल लागए गए। इस दौरान मेले का आयोजन भी किया गया, जहां स्वदेशी सामानों और सनातनी पुस्तकें के नज़ारे देखने को मिले।

इतने लोगों ने किया दीपदान

कार्यक्रम के दौरान साधु संतों ने शंखवादन कर कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की आरती के साथ की तो दूसरी तरफ सनातनियों ने हाथों में दीप उठाकर आरती में साथ दिया. इस दौरान भारत माता के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा. भव्य आतिशबाजी भी की गई। बता दें कि दीपदान में 200 से ज्यादा स्वयंसेवी, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं का भागीदारी रहा।

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