जयपुर: लोकसभा चुनाव के लिए पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को संपन्न हुई। पहले फेज में प्रदेश के 12 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ। लेकिन 13 लोकसभा सीटों पर अभी वोटिंग बाकी है। इन सीटों पर वोटिंग 26 अप्रैल को दूसरे फेज में होने हैं। ऐसे में दूसरे फेज में होने वाले लोकसभा सीट पर मतदान अति रोमांचक बना हुआ है। 13 सीटों में से कुछ सीट ऐसे हैं जो हॉट सीट में शामिल है। तो आईए जानते हैं किस सीट पर मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है।
इन सीटों पर इतने वोटर्स
राजस्थान के जोधपुर सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 21.32 लाख है। पुरुष मतदाता 11.15 लाख तो महिला मतदाता की संख्या 10.16 लाख है। बाड़मेर जैसलमेर सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 22.06 लाख है। पुरुष मतदाता 11.76 लाख तो महिला मतदाता 10.29 लाख है। पाली लोकसभा सीट की बात करें तो यहां कुल वोटरों की संख्या 23.43 लाख है। पुरुष मतदाता 12.17 लाख, महिला मतदाता 11.25 लाख है। जालौर सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 22.97 लाख है। पुरुष मतदाता 12.05 लाख तो महिला मतदाता 10.91 लाख है। अजमेर सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 19.95 लाख है। पुरुष मतदाता की संख्या 10.14 लाख तो महिला मतदाता 9.80 लाख है। भीलवाड़ा सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 21.47 लाख है। पुरुष मतदाता 10.89 लाख तो महिला मतदाता 10.57 लाख है। चित्तौड़गढ़ सीट की बात कर तो यहां पर कुल वोटर्स की संख्या 21.70 लाख है। पुरुष मतदाता की संख्या 10.92 लाख तो महिला मतदाता 10.77 लाख है।
डालें एक नजर, देखें क्या है सीटों का गणित ?
- बाड़मेर जैसलमेर सीट पर 10 साल बाद फिर त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से कर्नल सोनाराम, कांग्रेस से हरीश चौधरी और भाजपा से बगावत करके पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह जसोल निर्दलीय चुनाव लड़े थे। हालांकि 2014 में कर्नल सोनाराम इस सीट से जीते थे।
- जालौर सिरोही लोकसभा सीट हॉट सीट में शामिल है क्योंकि इस सीट से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत मैदान में उतरे हैं तो उनके सामने बीजेपी से लुंबाराम चौधरी हैं। इस वजह से इस सीट पर मुकाबला अति रोमांचक बना हुआ है।
- बाड़मेर जैसलमेर, जालोर सिरोही, भीलवाड़ा, अजमेर और जोधपुर में जीत के लिए दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को जातिगत समीकरण साधने होंगे।
- पाली में दोनों उम्मीदवार बाहर के हैं। यहां राम मंदिर और धारा 370 के साथ बिजली पानी और सड़क जैसे स्थानीय मुद्दे भी हावी हैं। लेकिन इन सब पर मोदी फैक्टर हावी दिख रहा है।
बाड़मेर जैसलमेर पर मुकाबला त्रिकोणीय
पिछले 10 साल से यह लोकसभा सीट बीजेपी के खाते में है। इस वजह से बीजेपी ने कैलाश चौधरी पर भरोसा जताते हुए, इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। हालांकि गठबंधन के बाद रालोपा से कांग्रेस में आए उमेदाराम बेनीवाल मैदान में उतरे हैं। इसके साथ ही दोनों पार्टियों को टक्कर देने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि 6 महीना पहले ही रविंद्र सिंह भाटी शिव विधानसभा से जीत हासिल कर विधायक बने हैं। ऐसे में इस सीट पर पहली बार कोई निर्दलीय उम्मीदवार बीजेपी और कांग्रेस को जबरदस्त टक्कर दे रहा है। हालांकि इस सीट पर 62 वर्षों से कोई भी निर्दलीय उम्मीदवार जीत हासिल नहीं की है। 1957 में इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार रघुनाथ सिंह जीते थे।
- बाड़मेर जैसलमेर सीट पर जातिवाद का मुद्दा सबसे हावी है। बता दें कि इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी ने जाट समाज से उम्मीदवारों की घोषणा की तो इन दोनों को टक्कर देने के लिए राजपूत समाज से रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।
- इस सीट पर बीजेपी के कैलाश चौधरी प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर जाट समाज में उनका जमकर विरोध जारी है।
- दूसरी तरफ, रालोपा और कांग्रेस के गठबंधन से घोषित उमेदाराम बेनीवाल को वोट बैंक का फायदा मिल रहा है। त्रिकोणीय मुकाबले में उम्मेदाराम बेनीवाल और रविंद्र सिंह भाटी के बीच दूसरी जाति के वोट लेने के लिए बड़ी मस्कत है। बीजेपी और कांग्रेस में जाट वोटो का बंटवारा होने से चुनाव में मूल ओबीसी , एससी एसटी, अल्पसंख्यक मतदाता हार जीत फिक्स करेंगे।
क्या हैं जोधपुर सीट का चुनावी गणित?
इस सीट पर इस बार बीजेपी से गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस से करण सिंह उचियारडा के बीच सीधी टक्कर है। 2009 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस से चंद्रेश कुमारी काटोज जीत हासिल की थी। 2014 में इस सीट पर गजेंद्र सिंह शेखावत जीते थे। 2019 में फिर से गजेंद्र सिंह शेखावत जीत अपने नाम की थी। हालांकि जोधपुर शहर की विधानसभा में गजेंद्र सिंह शेखावत का मजबूत पकड़ है। वहीं कांग्रेस से करण सिंह उचियारड़ा ग्रामीण क्षेत्र की विधानसभा में मजबूत हैं।
बता दें कि दोनों उम्मीदवारों के बयानबाजी से चुनाव का माहौल गर्म है। दोनों उम्मीदवारों के बीच लगातार बयानबाजी जारी है। कांग्रेस उम्मीदवार ने शेखावत को संजीवनी घोटाले की लैंड क्रूजर में घुसने से लेकर 10 साल जीरो काम जैसे आरोप लगाए तो वहीं शेखावत ने भी कांग्रेस उम्मीदवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चांद तक सोने की सीढ़ी लगाने के लिए सोना राहुल गांधी के आलू की मशीन से लाने पड़ेंगे।
जालोर सिरोही सीट का चुनावी गणित
जालौर सिरोही सीट पर इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लुंबाराम चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। तो कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत पर भरोसा जताया है। ऐसे में इस सीट पर मुकाबले अधिक रोमांचक बना हुआ है। हालांकि 2009 के चुनाव में बीजेपी से देवजी एम पटेल जीते थे। 2014 के चुनाव में फिर से देव जी एम पटेल ही जीते। इसके साथ ही 2019 के चुनाव में भी बीजेपी से देव जी एम पटेल ने ही जीत हासिल की। ऐसे में इस चीज पर पिछले तीन चावन से बीजेपी की पकड़ है। इस वजह से जानकारों का मानना है कि वैभव गहलोत की साख दांव पर लगी है।
इस सीट पर चुनाव लड़ने का जरिया बीजेपी उम्मीदवार लंबू राम चौधरी ने मोदी को बनाया है। पीएम मोदी के नाम पर खुद को आम कार्यकर्ता और वैभव गहलोत को बाहरी बताकर चुनावी रण में उतरे हुए हैं। इस सीट को चौधरी, देवासी और माली वोटर्स का गढ़ माना जाता है। ऐसे तो यह वोट बैंक भाजपा का है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सामाजिक समझौते कर इन्हें साधने में लगातार लगे हुए हैं।
पाली लोकसभा सीट का चुनावी गणित
पाली सीट पर बीजेपी ने पीपी चौधरी को उम्मीदवार घोषित किया है। तो कांग्रेस ने संगीता बेनीवाल को उम्मीदवार बनाया है। 2009 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस से बद्रीराम जाखड़ जीते थे। 2014 के चुनाव में बीजेपी से पीपी चौधरी जीते तो 2019 के चुनाव में भी बीजेपी के पीपी चौधरी ने जीत हासिल की थी । ऐसे में इस सीट को भाजपा का गढ़ बताया जाता है। यहां विधानसभा चुनाव में आठ में से 6 सीटों पर कमल मिली और दो सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई। इस सीट पर पानी, प्रदूषण, सड़क सबसे अहम मुद्दे हैं। लेकिन फिर भी इस सीट पर मोदी फैक्टर दिख रहा है।