जयपुर: आमचुनाव के बीच सियासी गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर विवादों में घिरते हुए दिख रहे हैं। देशभर के 180 वाइस चांसलर्स ने राहुल गांधी की बयानों पर पत्र लिखते हुए विरोध जताया है। खुले पत्र में वाइस चांसलर्स ने लिखते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने नियुक्ति में गड़बड़ी की बात कही थी। जिसके बाद से अब कुलपतियों और शिक्षाविदों ने इसका विरोध जताया है। दरअसल, राहुल गांधी ने देश की यूनिवर्सिटीज में भर्तियों को लेकर आरोप लगाया था कि यूनिवर्सिटीज में आरएसएस के लोगों को ही यहां जगह मिलता है।
अकादमिक योग्यता जरुरी
देश भर के कुलपतियों ने राहुल गांधी के द्वारा दिए गए बयान पर आपत्ति जताते हुए पत्र में लिखा कि यूनिवर्सिटीज में कुलपतियों की नियुक्ति एक बेहद सख्त, पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जाती है। नियुक्ति के लिए संबंधित व्यक्ति की अकादमिक योग्यता देखी जाती है। इसके साथ यह भी देखा जाता है कि व्यक्ति के अंदर यूनिवर्सिटी को आगे बढ़ाने के लिए क्या विजन है। हमलोगों को एक पेशेवर फील होता है। हमेशा भर्ती प्रक्रिया में इसका ध्यान रखा जाता है। कुलपतियों द्वारा पत्र में लिखा गया है कि हम उन सभी लोगों से कहते हैं कि ऐसी काल्पनिक बातें न करें। बिना किसी तथ्य के ही भ्रम न फैलाएं।
इन मामलों को लेकर लिखा गया पत्र में
कुलपतियों द्वारा लिखे गए पत्र में यह लिखा गया है कि “जिस प्रक्रिया से कुलपतियों का चयन किया जाता है, वह योग्यता, विद्वतापूर्ण विशिष्टता और अखंडता के मूल्यों पर आधारित कठोर, पारदर्शी कठोर प्रक्रिया की विशेषता है। चयन पूरी तरह से शैक्षणिक और प्रशासनिक कौशल पर आधारित है और विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने की दृष्टि से किया गया है।”