जयपुर : इन दिनों भीषण गर्मी से लोग परेशान है। साथ ही सांप काटने की ख़बर भी लगातार मिल रही है। इस बीच राजस्थान सहित देश में सांप काटने का इलाज लोग जागरुकता की कमी के कारण है झाड़-फूंक पर निर्भर रह कर अपनी जान गवां रहे हैं. आज भी देश के कई जगहों पर जागरूकता की कमी के कारण लोग सांप काटने पर झाड़-फूंक पर विश्वास कर रहे हैं और इस अंधविश्वास की वजह से अपनी जान गंवा बैठते हैं. वहीं सांप काटने पर अगर वक्त रहते सही इलाज मिल जाए, तो पीड़ित की जान 70 फीसदी तक चांसेस होती है की बच जाएं। इस मामले में सर्प दंश के उपचार को लेकर डॉक्टरों ने कुछ खास सलाह दी है। तो चलिए जानते है क्या है वो उपाय।
गर्मियों में सांप काटने के मरीज अधिक
डॉक्टरों के अनुसार अधिकांश सांप काटने के केस ग्रामीण क्षेत्र से अधिक आते रहते हैं. इन दिनों भीषण गर्मी से आमजन के साथ-साथ जिव जंतु भी अधिक परेशान है। गर्मी में सांप लोगों को अधिक शिकार बनाते हैं। इस समय ग्रामीण क्षेत्र में लोग खेतों में काम करते हैं, जहां सांप के काटने की संभावना अधिक रहती है। अगर किसी को सांप काट लेता है तो परिजन इलाज के बदले पीड़ित का झाड़-फूंक करते हैं, जिससे उसकी जान चली जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि सांप काटने पर झाड़-फूंक नहीं करें. सांप काटने के समय को नोट कर लें और संभव हो तो सांप का फोटो भी खींच लें. ऐसा करने से डॉक्टर को सांप काटने का इलाज करने में सहूलियत मिलेगी, क्योंकि सांप काटने का इलाज अक्सर सांप के एंटीवेनम से ही किया जाता है.
जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचे
साथ ही इस मामले में डॉक्टर बताते है कि सांप अगर काट ले, तो बिल्कुल भी ना घबराए, कोशिश करें कि जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचे. सांप कांटने वाली जगह पर किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ न करें। यहां तक कि उस जगह को कपड़े से भी ना बांधे और ना ही सांप के जहर को मुंह से बाहर निकाले. इसके साथ डॉक्टर का मानना है कि सांप अगर काट ले, तो इंजेक्शन की सिरिंज का इस्तेमाल आप कर सकते हैं. सांप के कांटे हुई जगह पर सिरिंज की सहायता से उसे बाहर खींचकर जहर को निकाल सकते हैं. इस प्रकार से आप मरीज की जान बचा सकते है। हालांकि जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी मरीज को डॉक्टर और अस्पताल ले जाकर इलाज करवाएं।
सांप कांटने पर महसूस होते है ये लक्षण
डॉक्टरों का मानना है कि सांप के कांटने से पीड़ित के अंदर असामान्य ब्लीडिंग और खून का जमना, शॉक लगना, मितली और उल्टी आना, लो ब्लड प्रेशर होना, सांस लेने में दिक्कत होना, मुंह में ज्यादा मात्रा में लार बनना, धुंधला दिखाई देना, ज्यादा पसीना आना, चेहरे और हाथों-पैरों में सुन्नपन होना जैसे लक्षण होते हैं।