Sunday, September 8, 2024

Rajasthan News: संघ प्रचारक ने कहा विकसित भारत के लिए दो नहीं, तीन से चार बच्चे होना जरूरी

जयपुर : भारत में अक्सर चर्चाओं में रहने वाला जनसंख्या नियंत्रण कानून, जो राजस्थान के गलियारों में कुछ अलग अंदाज में दिखा है। सुना होगा कि दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में प्रमोशन नहीं मिलेगा, इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहन भागवत और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार के बाद संघ से यह एक और अजीबो-गरीब बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि देश को विकसित भारत बनाने के लिए युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी होना जरूरी है और इसलिए किसी भी परिवार में तीन या चार बच्चे होना चाहिए।

मौजूदा में बच्चे दो ही अच्छे नहीं, बल्कि तीन या चार अच्छे

प्रदेश में भले ही दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरी नहीं मिलती हो लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मनाना है कि मौजूदा में बच्चे दो ही अच्छे नहीं, बल्कि तीन या चार अच्छे हैं। संघ के वरिष्ठ प्रचारक और स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार ने जनसंख्या को लेकर कहा कि तीन या चार बच्चे पैदा करना, देश को विकसित भारत बनाने के लिए अनिवार्य हैं। साथ ही कहा कि 2047 के विकसित भारत में बुड्ढों का देश नहीं बल्कि युवा का देश होना जरुरी है।

बड़ा परिवार, सुखी परिवार

इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले छोटा परिवार को सुखी परिवार कहा जाता था, लेकिन अब हम कहते हैं बड़ा परिवार, सुखी परिवार। सतीश कुमार ने आगे कहा कि वे इस तरह की बातें यूही नहीं कर रहे हैं बल्कि आर्थिक गतिविधियों और आबादी के रिप्लेसमेंट अनुपात के आधार पर कह रहे हैं। आबादी का इंटरनेशनल स्टैंडर्ड 2.1 है, जबकि हमारे यहां 1.9 फीसदी है, जबकि यह 2.2 फीसदी होना जरुरी है। इसका मतलब यह है कि एक महिला अपने जीवनकाल में दो से अधिक बच्चे पैदा करना चाहिए। अधिक बच्चों के होने के मतलब पांच-छह नहीं लेकिन दो या तीन बच्चे जरूरी हैं। देश की इकोनॉमी और परिवार की संतुलन के लिए यह बेहद जरुरी भी है।

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